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Tuesday, February 10, 2015

KIRAN BEDI C.M

Team - A

ये होररी कुण्डली कल कि तारीख में बनाई गयी है, यानि इसकी तारीख आप देखिये तो वो वो कल कि है, इसीलिए अगर कोई यह कहता है कि यह तो फैसला निकलने के बाद निकाला हुआ हो सकता है तो उसका उत्तर होगा कि ऐसा नहीं है..

इसमें यह प्रश्न किया गया है कि क्या किरण बेदी इस बार C.M बनेगी ??"

होररी नंबर जो 1 - 249 के बीच पूछा गया था, वह मुझे बताया गया - 151
जिसके आधार पर कल कि तारीख और समय डालकर होररी कुंडली बनाई, और जिस प्रकार से मैंने उनके हार-जीत का निर्धारण किया वह मैं इस लेख में समझा रहा हूँ....

कुण्डली के लग्न को Kiran Bedi ji का लग्न मानते हैं, इसे Team - A मान लेते हैं.
और जीत या हार के लिए इस कुंडली के 1st, 3rd, 5th और 11th घरों का अध्ययन किया जाएगा.
अगर इनके स्वामी ग्रहों का सम्बन्ध 11th, 10th, 6th, 3th, 4th तो इससे स्पष्ट होगा कि जवाब 'हाँ' होगा...
जबकि 5th, 7th, 12th, 8th इन घरों से सम्बन्ध होने का फल 'ना' में समझना चाहिए !

इसके अलावा इसी कुण्डली के सप्तम भाव, यानी पार्टनर के भाव को लग्न मानते हुए भी इसका अवलोकन किया जाएगा. इसे Team - B मानते हैं. इन दोनों ही टीमों के उन चार घरों का अध्ययन करने के बाद उस आधार पर जीत और हार का फैसला किया जायेगा !


 
TEAM - A (KIRAN BEDI WILL BECOME CM)
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1. प्रथम भावारम्भ सूक्ष्म नक्षत्रेश - 'केतु', जो कि अपने खुद के नक्षत्र में स्थित है,
केतु स्थित है - 5th भाव में, जो कि स्पष्ट रूप से हार दर्शाता है, जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है.

2. तृतीय भावारम्भ सूक्ष्म नक्षत्रेश - 'शुक्र'.
यह ग्रह भी अपने खुद के नक्षत्र शुक्र में ही स्थित है और चतुर्थ भावस्थ है.
शुक्र 7th और 12th भावों का स्वामी है, जो कि हार दर्शाता है, केवल एक छोटी सी जीत 4th भाव से सम्बन्ध होने के कारण पता चलती है.

3. पंचम भावारम्भ सूक्ष्मेश - गुरु - वक्री. (वक्री ग्रह जीत नहीं दिला सकता).

4. एकादश भावारम्भ सूक्ष्मेश - गुरु - वक्री. (वक्री ग्रह जीत नहीं दिला सकता).

Team - B

Rotating Kundali by keeping 7th bhaav as Lagna.
TEAM - B (KIRAN BEDI WILL NOT BECOME CM)
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1. प्रथम भावारम्भ सूक्ष्मेश - 'केतु'.
केतु स्थित है 11th भाव में, जो कि बहुत मज़बूत जीत दिखाती है.

2. तृतीय भावारम्भ सूक्ष्मेश - 'शुक्र'.
शुक्र भी स्थित है 10th भाव में जो कि जीत दर्शाने वाला घर है.

3. पंचम भावारम्भ सूक्ष्मेश - गुरु - वक्री. (वक्री ग्रह जीत नहीं दिला सकता).

4. एकादश भावारम्भ सूक्ष्मेश - गुरु - वक्री. (वक्री ग्रह जीत नहीं दिला सकता).


अतः इससे स्पष्ट पता चल जाता है हार-जीत का, यह इस बात का संकेत है के०पी० पद्धति से स्पष्ट उत्तर प्राप्त किया जा ही सकता है किसी भी विषय से सम्बंधित, केवल इसे देखना आना चाहिए. जय गुरुदेव !