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Sunday, March 2, 2014

7 Secrets of LAL KITAB



लाल किताब के ७ रहस्य  



ज्योतिष ग्रंथों में जितनी महत्वता वैदिक नियमों को दी गयी है, उतना ही सामान्य जन साधारण में लाल किताब के उपाय मशहूर हुए | लोगों ने इन उपायों को किया, जांचा, परखा  और देखा कि सरल से दिखने वाले चीज भी वास्तव में ही अपने अप में विशेष प्रभाव लिए हुए हैं, विश्वसनीय हैं .. प्रमाणिक हैं | इसके अनुसार यदि हम अपने और परिवार की कुण्डली का अध्ययन करते हैं तो आसानी से ये पता कर सकते हैं कि जीवन में आखिर वो कौन से ग्रह हैं जिसके वजेह से लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है | आखिर वह कौन से उपाय हैं जिसको करने पर वह ग्रह कुप्रभाव देना बंद कर देगा | और आखिर वह कौन सा ग्रह है जिसके प्रभाव को अनुकूल बनाकर जीवन में मनोवांछित फल की प्राप्ति हम कर सकते हैं |


उदाहरण के लिए, यदि आँखों में चश्मा लग गया है, तो चाहे वो खानदानी जेनेटिक इन्फ्लुएंस से हो, या किसी भी अन्य कारणों से हुआ हो, इसका समाधान छुपा हुआ है केवल सूर्य में ... और इसके उपाए में ..
हमारे शरीर में ग्रहों के जो स्थान हैं, उनमे से सूर्य का स्थान है दायें नेत्र में.. और चन्द्र स्थित है वाम नेत्र में.. ठीक है ! अब इससे ये समझ में आता है कि दायें नेत्र और इसके फल स्वरुप बाएँ नेत्र में न्यूनता इसी कारन से ई होगी जब हम पर सूर्य ग्रह का शुभ प्रभाव नहीं प् रहा होगा ! और चन्द्रमा सूर्य की ही रौशनी पाकर प्रकाशित होता है, यह बात तो हम जानते हैं .. मतलब की सूर्य यदि कमजोर है तो चन्द्र भी दुर्बल हो गया | तो इस हेतु आप यदि सूर्य का उपाय कर लेंगे तो निश्चित जानिए उपाय पूर्ण होते-होते आपकी नेत्र ज्योति वापिस आ ही जाएगी, निश्चित समझिये ! हाँ, मगर मेरी ये सलाह है कि मात्र टीवी या अखबार में पढ़कर के उपाय नहीं करने लग जायें, क्यूंकि उसमे अधूरी बातें बतलाते हैं, कोई एक दो दिन के उपाय से पूरी तकदीर नहीं बदलेगी, उसको तो पूर्ण विधि विधान से ही करना होगा, अछि तरेह से समझ के, जान के, फिर..


इनके विभिन्न उपाय के बारे समय समय पर लिहता रहूँगा अभी कुछ सामान्य उपाय दे रहा हूँ जो कि सामान्य से नज़र आने के बावजूद भी असरदायक है, अपनाने योग्य हैं, आप इसे अपने जीवन में अपनाएं मुझे उम्मीद है आपको अवश्य लाभ होगा


सोमवार - चन्द्र का उपाय - जन्म कुण्डली में चन्द्र कमज़ोर है, तो सोमवार को खीर बनाएं, उसे ठंडा होकर रात को लें | सफे वस्त्र पहनें | जिसका स्वभाव उग्र हो, वो भी ये उपाय कर सकता है | इससे शिव कृपा भी प्राप्त होती है ! स्त्रियाँ सुन्दरता प्राप्ति के लिए और आकर्षक व्यक्तित्व प्राप्त करने के लिए ये उपाय कर सकती हैं | इस दिन श्वेत चन्दन का तिलक करें |

मंगलवार - क़र्ज़ मुक्ति हेतु - यदि क़र्ज़ हो गया हो, कोई उपाय नहीं सूझ रहा हो तो ४ किलो, या कम से कम सवा किलो मसूर दाल दान दें, अथवा बहते पानी में डालें | अगर पुलिस का चक्कर अचानक पड़ गया हो किसी भी वजेह से तो ये उपाय तुरंत असर करेगा (यदि बेक़सूर है तो..)

बुद्धवार - व्यापारिक उन्नति हेतु हरी दाल कम से कम सवा किलो गायेओं को खिलावें |


गुरुवार - इस दिन कढ़ी चावल खाएं, ब्राह्मणों और विद्वानों की सेवा करें, अगर संभव हो उन्हें पीत वस्त्र दान दें, विद्या प्राप्ति, धन प्राप्ति, पुत्र लाभ होगा !


शुक्रवार - इस दिन इत्र लगाने से और दही का दान करने से शुक्र के शुभ फल प्राप्त होते हैं | पत्नी से मनमुटाव हो जाता हो तो ट्राई मारें | :D


शनिवार - शनी पूजन करें  |


वास्तव में लाल किताब कोई टोना टोटका नहीं है, बल्कि एक इसके अन्दर में उच्च कोटि का वज्ञानिक तथ्य समिष्ट है जो कि एक बार में ही सुनने में अजीब स लगता है, मगर यकीन मानिये जितना अजीब ये सुनने में लगता है उतनी ही तीव्रता से इससे समाधान भी होता है | 


Saturday, March 1, 2014

Alcohol Addiction Remedy, शराब छुड़ाने का टोटका.




जिन महिलायों के पति अधिक शराब का सेवन करते हैं तथा अपनी आय का अधिक हिस्सा शराब पर लुटातें हैंउनके लिए सबसे सरल उपाय यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है जिस दिन आपके पति शराब पीकर घर आयें और अपने जूते उतारें, आप उस जूते के वजन के बराबर आटा लेकर उसकी बिना तवे तथा चकले की मदद से रोटी बनाकर सकें | इस रोटी को आधा सकें, मतलब एक ही हिस्से से सकें, दूसरा हिस्सा कच्चा ही रहने दें और इसे अपने पति के सर से ७ बार उल्टा घुमा कर, किसी पूरे काले कुत्ते को खिला देंकुछ ही समय में वह शराब से घृणा करने लगेंगेयदि ऐसा लगभग २१ दिन किया जाये तो वो निश्चित ही शराब छोड़ देंगे|


शराब छुड़ाने का एक उपाए यह भी है की आप किसी भी रविवार को एक शराब की उस ब्रांड की बोतल मंगवा लायें जो ब्रांड आपके पति पीते हैंरविवार को उस बोतल को किसी भी भैरव मंदिर पर अर्पित करें तथा पुन: कुछ रूपए देकर मंदिर के पुजारी से वह बोतल वापिस घर ले आयेंजब आपके पति सो रहें हो अथवा शराब के नशे में चूर होकर मदहोश हों तो आप उस पूरी बोतल को अपने पति के ऊपर से उसारते हुए २१ बार “ॐ भं भैरवाय नमः” का जाप करेंउसारे के बाद उस बोतल को शाम को किसी भी पीपल के वृक्ष के नीचे छोड़ आयें| जब भी वो पीकर ए, ऐसा ही कर दें | कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक रूप से बदलाव देखने को मिलेगा |


शराब छुडवाने का एक यह भी उपाय है की आप एक शराब की बोतल किसी शनिवार को पति के सो जाने के बाद उन पर से २१ बार वार लेंउस बोतल के साथ किसी अन्य बोतल में आठ सो ग्राम सरसों का तेल लेकर आपस में मिला लें और किसी बहते हुए पानी के किनारे में उल्टा गाढ़ दें जिससे बोतलों के ऊपर से जल बहता रहे|


गुरूवार को केले पर हल्दी लगाकर गुरु के १०८ नामों के उच्चारण से भी पति की मनोवृति बदलती है|

केले के वृक्ष के साथ यदि पीपल के वृक्ष की भी सेवा कर सकें तो फल और भी जल्दी प्राप्त होता है|


गृह क्लेश दूर करने के लिए तथा आर्थिक लाभ के लिए गेँहू शनिवार को पिसवाना चाहिए|उसमे प्रति दस किलो गेँहू पर सो ग्राम काले चने डालने चाहिए|


Alcohol ill effects
Alcohol shrinks the brain

Saturday, January 25, 2014

सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं ‘दुर्गा सिद्धसम्पुट मंत्र’




दुर्गा सप्तशती मार्कण्डेय पुराण का वह भाग है जिसमें देवी का वर्णन है | यह अपने आप में इतना दिव्य और प्रभावपूर्ण भाग है कि जो बाद में स्वतंत्र रूप से ही जाना जाने लगा | दुर्गा सप्तशती का प्रत्येक श्लोक एक विशिष्ठ मंत्र ही है | उन्हीं में से कुछ चुने हुए मंत्र यहाँ दिए जा रहे हैं जो की साधक के सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सक्षम है और इनका प्रभाव अचूक ही होता है | इसका लाभ दो प्रकार से लिया जा सकता है, दुर्गा सप्तशती के प्रत्येक श्लोक के साथ सम्पुट देकर, और दूसरा सीधे ही सम्बंधित मंत्र की नित्य पांच मालाएं फेर कर | नवरात्रों में इसका विशेष महत्व है, वैसे शाक्त तो प्रतिदिन इसे करते हैं | चण्डी पाठ में तो अगर थोड़ी सी भी भूल हो जाये तो पूरा पाठ ही विफल हो जाता है, परन्तु साधक इन मन्त्रों के माध्यम से अवश्य अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकते है अतः आप भी इसका लाभ उठाएं |


१). विश्व के कल्याण के लिए-


विश्वेश्वरी त्वं परिपासि विश्वं,
विश्वात्मिका धारयसीति विश्वः |
विश्वेशवन्द्या भवति भवन्ति
विश्वाश्रया ये त्वयि भाक्तिनम्राः ||

२). विपत्ति नाश के लिए- 


शरणागत दीनार्तपरित्राणपरायणि |
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ||


३). आरोग्य और सौभाग्य प्राप्ति के लिए-


देहि सौभाग्यमारोग्य देहि में परमं सुखम् |
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||


४). सुलक्षणा पत्नी की प्राप्ति के लिए-


पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारीणीम् | 
तारिणी दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम् || 


५). बाधा शांति के लिए- 


सर्वबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी | 
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ||



६). दारिद्रय दुखादिनाश के लिए- 



दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः | 

सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि ||

दारिद्रयदुःखभय हारिणी का त्वदन्या |

सर्वोपकारकरणाय सदाऽर्द्रचिता ||

७). सर्व कल्याण के लिए -


सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ||


८). प्रसन्नता प्राप्ति के लिए -


प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वातिहारिणी |
त्रैलोक्यवासिनामिड्ये लोकानाम् वरदा भवः || 


९). बाधामुक्त होकर धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए -



सर्वावाधा विनिर्मुक्तो धनधान्य सुतान्वितः |
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः || 


१०). भुक्ति-मुक्ति की प्राप्ति के लिए -



विधेहि देवि कल्याणं विधेहि परमां श्रियम् |
रूपं देहि जायं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||


११). स्वर्ग और मुक्ति के लिए -


सर्वस्य बुद्धिरुपेण जनस्य हृदि संस्थिते |
स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ||

इन मन्त्रों का जप किसी भी महीने की दशमी तिथि या फिर चतुर्दशी से भी शुरू कर सकते हैं अथवा नवरात्री में करें. दिन में या रात्रि में कभी भी ५ माला नित्य या फिर पूर्ण सिद्धि के लिए सवा लाख का अनुष्ठान ९ दिनों में संपन्न करें, स्फटिक, मूंगा या रुद्राक्ष माला से. शत्रु मारण कार्य में सर्प-अस्थि माला का इस्तेमाल होता है | 

Wednesday, January 8, 2014

रोग निवारण का सबसे अचूक विधान... महामृत्युंजय साधना


शिवरात्री....

देवादिदेव महादेव का निर्गुण से सगुण होकर पृथ्वी पर अवतरित होने वाली रात्री को ही कहते हैं महाशिवरात्री. वह रात्री जब पृथ्वी पर शिव तत्त्व प्रबलतम होता है. इस रात अगर जागरण कर शिवार्चन करें तो निश्चित ही ‘औघड़ दानी’ अपने भक्त की कामना पूर्ण करते हैं. इस शुभ समय में रुद्राभिषेक करने का भी विशेष महत्व है, प्रत्येक कार्य की सिद्धि के लिए अलग-अलग पदार्थों से रुद्राभिषेक किया जाता है. और इसी रात्री की जाति है एक और अद्वितीय साधना....... जिसे की कहा गया है ... मृत संजीवनी साधना ......

मृत संजीवनी... यानि मृत जीवन को संजीवित कर देने की साधना. मृत्यु तो निश्चित रूप से एक दिन सबकी होनी है. जो इस जग में आया है उसे तो जाना ही है, किन्तु ये साधना असमय मृत्यु से बचाती है. स्वस्थ शारीर और स्वस्थ मन प्रदान करती है.. क्यूंकि जीवन रहते हुए भी यदि शारीर रोगी है, तब भी मृत्यु के सामान ही है. यदि मन में कोई चिंता है, तब भी मृत्यु ही है. यह मंत्र साधना करने से अकाल मृत्यु, रोग रूपी मृत्यु और अन्य चिंता रूपी मृत्यु से निश्चित मुक्ति प्रदान करते हैं महादेव.


रुतं हरती पापात् निवारयति स रुद्रः ||


रोगों को हरने वाले.. पापों का निवारण करने वाले ही शिव हैं. शिव भक्तों का “हर हर महादेव..” का जय घोष करने के पीछे भेद भी यही है कि रूद्र उनके पापों को, दुखों को, संताप को हर लें.
मृत्यु संजीवनी साधना ही महामृत्युंजय साधना है. मृत्युंजय मंत्र के विविध रूप है. आज कल तो मूल त्रयम्बक मंत्र को ही महामृत्युंजय मंत्र मान लिया जाता है जो की भ्रम है ! त्रयम्बक मंत्र मूल मृत्युंजय मन्त्रों में शामिल है, मगर मृत्युंजय मंत्र के भी मुख्य ३ भेद हैं....

१. यह प्रथम मृत्युंजय मंत्र है जो की साधारण रोगों को दूर रखता है, दुखों से तारता है. इसका नित्य जप अपनी पूजा में शामिल किया जा सकता है. इससे निश्चित आयु रक्षा होती है.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||

२. रोगों को शांत करने के लिए.. जटिल से जटिल रोग के निवारण करने के लिए यह मंत्र अस्चार्यजनक परिणाम देता है. किसी रोगी व्यक्ति को अगर बहुत कष्ट हो रहा हो, तो वह इस मंत्र को करे.. या फिर किसी audio tape में बजाकर इसे सुने, उसे शांति प्राप्त होगी.

यदि किसी अति वृद्ध व्यक्ति के प्राण नहीं निकल रहे हों, जबकी उसकी उम्र भी जाने की हो गयी हो और अधिक कष्ट हो रहा हो वृधावस्था के कारण तो उस व्यक्ति के पास इस मंत्र को जपें ताकि इसकी ध्वनि वृद्ध व्यक्ति के कानों में पड़े. निश्चय ही उसे जीवन से और कष्ट से मुक्ति मिल जाएगी. ऐसा मैं इसलिए नहीं लिख रहा हूँ की कहीं पढ़ रखा है, या कहीं सुना है.. बल्कि मैंने इसको test भी किया था और आश्चर्यचकित हो गया था देखकर..

मेरी नानी की उम्र 96 हो गयी थी, वृद्ध और कमजोर शारीर के कारन अधिक कष्ट झेलना पढ़ रहा था. कितनी बार जाने की इच्छा करती की हे भगवन अब कहे नहीं उठा रहे हैं... कुछ हफ़्तों से तो शारीर के चलना फिरना भी बिलकुल बंद.. हाथ पैर भी नहीं हिल रहे थे. खैर, अंतिम दिन रात्री को मैंने इसी मंत्र की recording बजायी हुई थी करीब १-२ घंटे.. उससे पुरे घर में एक अलग ही वातावरण बन्ने लगा था. उसके बाद उनका शरीर शांत होने लगा था. दुसरे दिन ही बाबा बैद्यनाथ धाम में शिवजी को जल चढ़कर आया तब थोड़ी देर में ही उनके प्राण निकल गए. कोई ये न समझ ले की यह मंत्र मृत्यु देता है ! बल्कि यह कष्टों से मुक्ति देता है और जीवन ही देता है.. क्यूंकि असल में कष्ट ही तो असल मृत्यु है !

ॐ भुः ॐ भुवः ॐ स्वः त्र्यम्बकम् यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||ॐ स्वः ॐ भुवः ॐ भुः ॐ ||

३. वास्तविक मृतसंजीवनी/महामृत्युंजय मंत्र जिसका जप रोग निवारण और शोक निवारण हेतु किया जाता है वह इस प्रकार है-


ॐ हौं ॐ जूँ ॐ सः ॐ भूः ॐ भुवः ॐ स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् ||ॐ स्वः ॐ भुवः ॐ भूः ॐ सः ॐ जूँ हौं ॐ ||


लघु मृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है -

ॐ जूँ सः पालय पालय ||

Kidney कि खराबी होने पे इस मंत्र को नित्य जपना चाहिए-


ॐ वं जूँ सः ||


इनमे से किसी भी मंत्र का नित्य १०८ बार जप करना जीवन में सभी रोग, ग्रह दोष, कष्टों को नष्ट करने के लिए कोई भी कर सकता है, उसके घर में अकाल मृत्यु नहीं होती रोगों से भी वह पूर्णतः निश्चिंत रहता है. इसे प्राणश्चेतनायुक्त रुद्राक्ष माला से ही जपना चाहिए.. या फिर बिना माला के भी जप सकते हैं, मगर किसी अन्य माला का उपयोग इस मंत्र के लिए न करें.
इस मंत्र के अनुष्ठान में निम्नलिखित सामग्रियों से हवन करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं- 



घी                 - आयु लाभ.
शेहद और घी        – मधुमेह रोग मुक्ति.
भांग, धतुरा या आक  – मनोरोग से निवृत्ति.
ढाक के पत्ते          – नेत्ररोग.
बेलपत्र या बेलफल    – ऊदर सम्बंधित रोग मुक्ति.
घी और दूब         – जटिल रोग निवृत्ति.


सर्वरोग मुक्ति के लिए बेलगिरी, आँवला, सरसों, तिल से हवन करना चाहिए. 

Tuesday, November 5, 2013

TANTRIC RITUAL- To solve all problems


Do You have any problem which is not getting solved ??
Are you facing continous problems in your family life ?
Do you fear that you will fail in the exam/interview/meeting ?
Are you doubtful whether the work you have undertaken will fail ???
Do you have any tension regarding business/career and you do not know how to solve it...........?

Well, here is a one night solution for it from the most secretive Tantric rituals. Our country has abundance in Occult and certain Mantras are so effective that nobody can deny its effect, if tried with devotion.
Some rituals are so simple that you do not need much long procedure and materials for it. Only the dedication and strong will power towards the Mantra is what is most important.
This sadhana is very very powerful, as well as simple, so that any commoner can do it and be astonished by seeing the results. When all the doors are closed then just try this simple procedure and get free of that tension overnight.

Once, I had a very strong obstacle in front of me and I didn’t know how to come out of it. Even though I was right but some selfish people were trying to overpower me..... I had no other option left, then that night I took holy water in my right hand and took Sankalp, that I’m performing this Mantra Jaap of the following Devi, let all my enemies be overpowered by me.

And it took me 4-5 hours to do the whole ritual and the next day itself I found some support from some people who knew me... In the coming days however, I fully achieved what I wanted so I can authentically say that this Mantra shows its effect from the very next day you perform this, the conditions will get in favour of you. The only thing needed is that you complete the ritual in the correct way. Within  2-3 days your desired work will be completed.

A person was fearful of Income Tax people to raid his house, he performed this sadhana and after that he got clearance from that, he still believes in this Mantra ritual very strongly.
This is a single night Sadhana, so you have to do the mantra jap only for one night. At the night time, sharp at 12 o’clock, wear red robes and sit on a red mat facing East direction. With a Hakeek Rosary do 11 rounds of rosary of this mantra with full concentration. Do not get up from there before completing it, neither drink water or speaking anything else before completion. Once you start Mantra chanting  you must complete full 11 rounds then only get up. Its my opinion that things start getting in favour from the time you finish the chanting. Mantra-

           ॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चै ॐ ग्लौं हुं क्लीं जुं सः 
               ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्ज्वल प्रज्ज्वल 
         ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चै ज्वल हं सं लं क्षं फट स्वाहा ॥

OM AING HREENG KLEENG CHAMUNDAYEI VICHE, 
OM GLOUM HOOM KLEENG JOOM SAH 
JWAALAYA JWAALAYA, JWALA JWALA, PRAJJWALA PRAJJWALA,
AING HREENG KLEENG CHAMUNDAYEI VICHE,
JWALA HAM SAM LAM KSHAM PHAT SWAHA..

Next day, you have to drop that Hakeek rosary in a lonely place, where nobody lives.
It is very important to start this ritual at mid-night 12o’clock, so you must take bath and be ready by wearing the red clothes from before. It does not matter what time you finish it, how much time it takes. You can also light Ghee oil lamp and incense before you, and pray to Goddess for success. Do Ganpati pujan and Guru Mantra also before and after the main ritual.



Please be free to ask if you have any querry, or share your experience after doing this sadhana. Qualitatively, this sadhnana has a magical effect and is especially used in dangerous situations, to overcome it. It has no side effects if not completed properly.

Saturday, November 2, 2013

SIMPLE LAKSHMI SADHANA




There are lots of Mantras and rituals in the Mantra shashtra and there's a huge heap of vidhi and vidhan in Lakshmi pujan etc, which is next to impossible to be performed by a common man. In this way, either we have to invite a Pundit and spend heavily for the Puja or we do not do it !
Reverent Gurudev very well understood our problem and gave us simplest rituals and 'Mantra prayog' which can easily be tried by anybody and it gives astonishing results. Its our greatest fortune that these prayogs, which was almost extinct in the cycle of time was once again brought before us by the grace of our beloved Guruji.

This prayog does not need any Yantra or Mala, or any picture of Goddess Lakshmi because it is a total Mantric Yog Sadhana. The only thing which you will need is full concentration and shraddha.....
Dipawali worship should always be done on sthhir Lagna , which comes for about two hours at the night of Diwali. Sthhir Lagna is choosen for Lakshmi worship so that Goddess comes and stays fixed, immovable in our house, instead of its moving(chanchalaa) nature.

On this Diwali it is on 2nd November, from 6:44 p.m to 8:33 p.m, VRISHABH LAGNA, or SINGH LAGNA 12:57a.m to 3:09 am........
On the 3rd there is also one more sthhir Lagna MITHUN LAGNA from 6:28 p.m to 10:48 p.m. You can choose any of the three timings. Although Diwali is celebrated on the 3rd, but the worship shall be done on 2nd itself because Amavasya tithi starts from tonight itself !

So, you must take bath and come into comfortable clothes in your worship room before 6:44 p.m, so that you do not miss a minute. 

* Facing North direction, sit on your worship mat and do the necessary Ganesh pujan and Guru Pujan by remembering them or by dhoop, ghee oil lamp or incense. 

* Place an oil lamp in front of you on your eye level. Means you should keep the lamp before you in such a way that its flame is at the same level of your eye, and you must sit straight with your backbone straight. You may keep any necessary table or use any object/box below the lamp to raise its height.

* Take a deep breath and chant OM for as long breath as you can make, do this for 3 times. Om chant makes our inside pure, so that we become ready for absorbing the Mantra power.

* Now gaze on the tip of the oil lamp and chant this mantra continously without closing your eyes or moving your body. Try very hard and control yourself from moving even a little bit because if you ant to place this Mantra power, if you want to inscribe this beej of Lakshmi, then the only way is that you have to be still like a stone, only then the clear picture can be made. If we move then the continuity breaks and there is no use of that type of Mantra jap. Also you have to prepare yourself mentally that you will not close the eye, whatever it happens because if you want to gain a valuable thing in life, if you want to change your life completely then you will have to put in a lot of effort in some or the other way.

If your body move unknowingly or tears come then no problem but it is upto you how much effort you will make that much success is guaranteed.

After sthhir Lagna ends, i.e after 8:33 p.m you can finish this ritual and celebrate. Just one night hard work and you will find the blessings of Goddess in your daily life after that. One should not sleep on that day during day time because completeness can only be acheived in the awakened state, if sleeps in day and then do Sadhana at night then its not effective. The Mantra which you have to chant is-

                                                                || श्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीं ॐ ||
                            || SHREENG HREENG HREENG SHREENG OM ||