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Thursday, December 25, 2014

कृष्णमूर्ति पद्धति सिद्धांत -






कृष्णमूर्ति पद्धति सिद्धांत -

12 राशियों में से किसी भी एक राशि में स्थित ग्रह का दायरा काफी लम्बा होता है, अर्थात पूरे 30 अंशों कि राशि में तो वह ग्रह कहीं भी हो सकता है न, तो इस वजह से वे सभी कुण्डलियाँ  जिसमें सूर्य कन्या राशि में स्थित होगा उसका फल एक सा ही होगा ऐसा नहीं बताया जा सकता !

कृष्णमूर्ति पद्धति में एक नयी विधि को सामने लाया गया, जिसमें किसी ग्रह को केवल उसके राशि और भाव में स्थित होने भर से ही फलादेश न करते हुए, उस ग्रह के नक्षत्रेश, उपेश और उनका उस ग्रह पर क्या प्रभाव पड़ रहा है इसे देखकर फिर फलादेश किया जाता है | कहने कि बात नहीं है कि इस प्रकार से गणना करने पर सत्यता के काफी निकट और यदि सूक्ष्मता से देखें तो आश्चर्यजनक रूप से सही फल निकलता है |

सभी ग्रह बसंत सम्पात में निरयण पद्धति के अनुसार भ्रमण करते हैं जिसे गोचर कहते हैं | इस प्रकार मेष राशि (30 अंश) में आने पर सबसे पहले वह ग्रह अश्विनी नक्षत्र (13 : 20 अंश) में गोचर करेगा, फिर उसी राशि के अगले नक्षत्र भरणी में, इस प्रकार से अंत में वह अंतिम राशि मीन में रेवती नक्षत्र में होगा | इस प्रकार से सभी 27 नक्षत्रों का चक्र पूर्ण होता है | अब प्रत्येक नक्षत्र (13 : 20) का दायरा भी काफी बड़ा है इसलिए उसे विमशोत्तरी दशानुसार 9 भागों में विभाजित करते हैं जिसे ‘उप’ कहते हैं | नक्षत्र के स्वामी को नक्षत्रेश कहते हैं और उप - स्वामी को उपेश | 

सामान्यतः तो हम यही जानते रहे हैं कि गुरु, शुक्र, शुभ संगत बुद्ध, शुक्ल पक्ष का चन्द्र शुभ ग्रह होते हैं,

और

सूर्य, मंगल, शनि, राहू और केतु अशुभ परन्तु 
कृष्णमूर्ति पद्धति के अनुसार किसी गृह का शुभ फल प्राप्त होना है या अशुभ यह उस ग्रह के उप – नक्षत्र में स्थित होने से तय होता है, अर्थात उपेश जिन शुभाशुभ भावों का स्वामी होगा वह तय करेगा कि वह ग्रह कैसा फल देगा !
 






Saturday, March 15, 2014

कहिये, क्या आपकी कोई समस्या है ?

क्या आपके जीवन में निरंतर बाधाएं व्याप्त होती रहती हैं ..?
चाह कर भी क्या आपको अपने या दूसरों के किये हुए कर्मों का अशुभ फल भोगना पड़ रहा है ??
अगर जीवन में किसी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पा रही हो, अनावश्यक विलंब आ रहा हो..


या कुछ भी समस्या हो रही हो तो आप ऐसा करें, मुझे अपने और अपने परिवार के सभी नजदीकी सदस्य की जिसकी भी जन्म कुण्डली बनी हुई हो, उसे देखकर व्यक्ति का नाम, जन्म दिनांक, समय  और जन्म स्थान  मेरे facebook अकाउंट में मेसेज कर दें, आपको मैं एक ई-कुण्डली बनाकर डॉक्यूमेंट फाइल सेंड कर दूंगा, जिसमे की आपके जीवन की सभी सास्याओं का सरल और सटीक समाधान होगा ! इस हेतु आपको कोई व्यय नहीं उठाना है, हाँ एक अनिवार्य नियम अवश्य है जिसको अप पूर्ण करेंगे उसके बाद ही आपको यह निःशुल्क "KUNDLI REMEDIES" उपलब्ध करायी जाएगी - 

KUNDLI REMEDIES नामक यह निःशुल्क ई-कुण्डली प्राप्त करने के लिए अनिवार्य शर्त यह है कि आपको नित्य एक निर्धारित समय में निचे दिए 'गुरु मंत्र' की 4 माला मंत्र जप करनी है, नित्य 7 दिनों तक ! यह एक अनिवार्य शर्त है जो कि सभी के लिए है इसे पूरा करने के बाद ही कुण्डली देखी जाएगी | अतः आप इस अनिवार्य नियम को पूरा करके ही संपर्क करें |

इस अनिवार्य कर्म को कर लेने के पश्चात आप मुहसे इस हेतु संपर्क कर लेवें और मैं एक बात और स्पष्ट कर देना उचित समझता हूँ कि यह गुरु मंत्र कोई भी, चाहे वह गुरुदेव से दीक्षित हो या न हो, उसने किसी भी गुरु को धारण को धारण किया हो वह ये मंत्र भी कर सकता है, ये भ्रम मन में न लायें की आपके गुरु कोई और हैं तो आप ये मंत्र नहीं कर सकते ! बल्कि मैं तो यही कहूँगा कि आप करें और अनुभव करें कितना प्रभावयुक्त नारायण गुरु मंत्र है यह जिससे सभी प्रकार की इच्छाएं पूर्ति होती हैं .. अगर कोई इस मंत्र का सवा लाख का अनुष्ठान संपन्न करे तो उसकी कोई भी इच्छा निश्चित पूरी होती है, वह खुद इसे करके अनुभव कर सकता है !

KUNDLI REMEDIES में आपको इन विषयों पे जानकारी मिल जाएगी आपके जन्म-कुंडली, चन्द्र-कुंडली पे निर्धारित..

- आपका नामकरण प्रथमाक्षर !

- लाल किताब से जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य, जीवन की स्थिति क्या है, कौन से ग्रह कैसा प्रभाव दे रहे हैं !
- लाल किताब उपाय (सरल, साधारण, अचूक) !
- रत्न धारण सुझाव, धारण विधि, लाभ !
- शनि साढ़े साती कब है !
- काल सर्प योग - परिचय, कुण्डली में ये दोष है या नहीं, समाधान !
- मांगलिक दोष विचार, कुण्डली में मांगलिक दोष है या नहीं, समाधान !
- इष्ट देव विचार !


और केवल इतना ही नहीं KUNDLI REMEDIES में 'रेमेडीज' शब्द इसीलिए रखा गया है क्यूंकि इससे आपकी समस्या का समाधान करने की कोशिश की जाएगी, एक सरल उपाय बताया जायेगा, एक सुझाव दिया जायेगा, जिसे कि आप कर सकें, एवं अपने जीवन को सफल बना सकें | अगर आपका कोई विशेष प्रश् हो तो वह आप इसके साथ ही लिख भेजें | यह भी बता दें की आपको हिंदी भाषा में कुण्डली बनवानी है या फिर अंग्रेजी में, किन-किन विषयों के ऊपर जानकारी चाहिए है, इत्यादी, इत्यादी..

इस होली पर्व पर एक शुभ संकल्प के साथ....


आपका अपना गुरुभाई.

निखिल प्रणाम....._/\_


                           
                            




 आपको जो 'गुरु मंत्र' करना है, वह निम्नलिखित है, आपको इसी मंत्र की 4 माला नित्य 7 दिनों तक किसी भी निर्धारित समय पर फेरनी है | आप किसी भी स्फटिक माला से या रुद्राक्ष माला से यह मंत्र जप करें या अगर कोई माला पास में नहीं हो तो यूँही गुरुदेव जी की तस्वीर को देखते हुए सिर्फ आधे घंटे तक यह मंत्र जप कर लें | जब आप ऐसा 7 दिनों तक कर लेंगे तो मुझे मेरे फेसबुक अकाउंट में सूचित कर दें आपको आपकी कुण्डली देखकर मैं समाधान बता दूंगा | 'गुरु मंत्र' है -

|| ॐ परम तत्त्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ||
|| OM PARAM TATTWAY NARAYANAY GURUBHYO NAMAH || 

Pujya Gurudev Dr. Narayan Dutt Shrimali