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Saturday, February 22, 2014

खूनी नीलम – III, कौन धारण करे ??



Loius Vitton's Jewelry


खूनी नीलम और नीलम धारण करने से पहले इसके ऊपर ज्योतिष विचार कर लेना अत्यंत अनिवार्य है जिससे कि हम पूर्ण संतुष्ट हो सकें जो रत्न हम धारण कर रहे हैं वह हमारे लिए शुभफल ही देगा किसी प्रकार का कोई नुक्सानदायक सिद्ध नहीं होगा | ऐसा देखा गया है कि नीलम यदि किसी व्यक्ति को धारण करने पर जाच गया तो कुछ ही दिनों में सफलता की उचाईयों पर उसे पहुँचा भी देता है, और यदि उसके लिए अनुकूल नहीं है फिर भी वो धारण कर लेता है तो परिणाम अत्यंत घटक भी हो सकता है | इसके साथ ही कई ठग ज्योतिष दुकान खोलकर सस्ते कांच को जमुनिया, नीली इत्यादि बताकर भी बेच देते हैं, उससे न कोई फायदा उस व्यक्ति को होता है, उल्टा ऊँचे दाम में उस अंगूठी को बनवाने में उसे खर्च होता है, वो अलग... क्यूंकि सबसे ज्यादा भ्रम, ठगी, चोर-बाजारी तो इन छोटे-छोटे दुकानों में बैठे ज्योत्षी अपने आपको कहलाने वाले लोग ही फैलाते रहते हैं, सामान्य जन को इस बात का ज्ञान होता नहीं कि असली पत्थर है या नकली, कुण्डली उन्हें देखने अत नहीं, रत्न का मूल्य उन्हें ज्ञात है नहीं, तो उनसे जितना भी जिस भी चीज को बेचकर वसूल करके कर सकते हैं, करते हैं.. ऐसा होता है ! और लोग बड़े शान से, खुश होकर दोस्तों को दिखाते हैं, “देखो ये अंगूठी.. नीलम है... २५ हजार में बनवाई है.. एकदम चुना हुआ
stone लगवाया है.. special…. pure एकदम... पचिस हजार लिया है तो.. लेकिन चीज एकदम गजब है भाई.. पूरा काम किया है !”



नीलम थोडा महंगा रत्न है, इसलिए लें तो पूरी जांच करके लें, उसपर भी सबसे पहले ये जरुर मालूम कर लें कि क्या वह रत्न आपके लिए उपयुक्त है भी ?? या नहीं ! क्यूंकि हर रत्न हर किसी को सूट नहीं कर सकता, नीलम कम ही लोगों को धारता है | इस हेतु आप अपने जन्म-कुण्डली को थोडा स टटोलिये, उर निचे जो नियम दिए जा रहे हैं उससे मिलान कीजिये, अप खुद ही ये ज्ञात कर सकते हैं कि आपके लिए ये अनुकूल है अथवा नहीं | किसी ज्योतिष के पास जाकर, दो घंटा बैठकर दिमाग खपाकर, फिर उसे आप फीस भी देंगे, उसके बाद अगर वो बता भी दे हाँ ये रत्न अप धारण करें तो भी अप संशय में ही रहेंगे, कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं होगी.. इसने देखा था तो ठीक से तो देखा था न ?? किसी और से दिखवा लूँ क्या ..


मगर इसकी अपेक्षा आप खुद अध्ययन कर लेंगे तो आपको संतोष रहेगा मन में.. बाद में किसी अनुभवी व्यक्ति की राय लेकर आप इसे धारण कर सकते हैं | यह एक ऐसा रत्न है, जो कुछ घंटों में ही अपना असर दिखा देता है, यदि धारण करने से पहले उसे तकिये के निचे रख के सोयें और अछे स्वप्न आए तो आप जरुर उसे धारण करें, यदि अशुभ स्वप्न आ जाये, या भय लगे, या कोई बुरी खबर आए तो समझ लें की वो आपके लिए अनुकूल नहीं था, अतः विचार त्याग दें |


नीलम की पहचान..



यह एक चिकने सतह वाला पत्थर होता है जिसे धुप में रखने से इसमें से खरी नीली किरणें निकलती सी प्रतीत होती है | इसके अन्दर का पानी साफ़ होता है और ये लगभग पारदर्शी सा होता है | पानी के गिलास में अगर रख दिया जाये तो उसमें से स्वच्छ नीली किरणें निकलती रहती हैं, कांच के टुकड़े में या अन्य उपरत्न में ऐसा नहीं होता |




नीलम कौन धारण करे ??


- जन्म-कुण्डली में जिसके लग्न में मेष, वृष, तुला, वृश्चिक राशि हो वह यदि नीलम धारण करे तो उसके लिए भाग्यवर्धक होता है | लग्न का अर्थ है जन्म-कुण्डली में पहले भाव को लग्न कहते हैं, आपको उसमे लिखा हुआ अंक देखना है, वह १ से लेकर १२ तक हो सकते हैं, १- मेष, २- वरिश, ३- मिथुन.... इस प्रकार से समझना चाहिए |

- शनि की साढ़े साती चल रही हो तो नीलम अवश्य धारण करना चाहिए | नीलम शनि का प्रतिनिधित्व है |

- जन्म कुण्डली में अगर चौथे, पांचवे, दसवें या ग्यारहवें भाव में शनि बैठा हो तो नीलम धारण करना चाहिए | कुण्डली में कुल बारह घर होते हैं, जिसे भाव या स्थान या House कहते हैं |

- छठे भाव के स्वामी के साथ या आठवें घर के स्वामी के साथ यदि शनि बैठा हुआ हो, तो नीलम धारण करना चाहिए |

- शनि मकर तथा कुंभ राशि का स्वामी है | यदि इसमें से एक राशी श्रेष्ठ भाव में हो तथा दूसरा अशुभ भाव में हो तो नीलम न पहनें | पर यदि शनि की दोनों राशियाँ शुभ भाव में स्थित हो तो अवश्य नीलम पहनें !

- शनि सूर्य के साथ बैठा हो, सूर्य की राशी में हो, या सूर्य की दृष्टि उसपर हो तो नीलम धारण करना जरुरी होता है |

- मेष राशी में यदि शनि हो तो नीलम अवश्य धारण करें |


- शनि यदि कमज़ोर हो, वक्री हो या असंगत हो तो नीलम धारण करना जरुरी हो जाता है |



पुरुषों को स्वर्ण में एवं स्त्रियों को रजत में जड़वाकर पहनने से शुभ फल देता पाया गया है | धारण करने के पश्चात ५ साल तक इसका प्रभाव रहता है, उसके बाद इसे उतारकर नया रत्न धारण करना चाहिए |


'खूनी नीलम' क्या है ? इसे कौन धारण कर सकता है ?


खूनी नीलम एक प्रकार के नीलम को कहते हैं, जो कि होता तो नीलम ही है मगर बहुत rare होता है | कम मात्रा में उपलब्ध होने के कारन इसकी कीमत भी लाखों में होती है | किसी-किसी नीलम में नीले रंग के साथ-साथ कुछ अंशात्मक लाल रंग के धब्बे होते हैं | ये धब्बे 'Chromium' के होते हैं | इस प्रकार के नीलम में मंगल और शनि का संयुक्त प्रभाव होता है, इसे उस व्यक्ति को धारण करना चाहिए जिसकी कुण्डली में मंगल और शनि संयुक्त और शनि कि दोनों राशियाँ शुभ भाव में हों | इसके साथ ही एक और तथ्य अनिवार्य होता है कि ऐसा जातक ‘क्षत्रिय’ वर्ण का ही हो, अन्य किसी वर्ण की कुण्डली में इसके प्रभाव को झेलने की क्षमता नहीं होती |


Friday, February 21, 2014

ख़ूनी नीलम – II

Heron-Allen's cursed Amethyst Purple Sapphire


अभी कुछ सालों पहले ही अख़बारों में ख़बर छपी थी एक ऐसे नीलम की, जो कि श्रापित माना गया है, यह नीलम
Purple tint का  है और खूनी नीलम के नाम से जाना जाता है | सन् 1855 ई० में britishers ने इसे भारत के राजघराने से लूटा था और लूटकर वे इसे इंगलैंड ले गये थे | जिस ब्रिटिश अफसर ने इसे लूटा कुछ ही दिनों में दिवालिया हो गया और अचानक ही तबियत बिगड़ जाने से रहस्यमयी ढंग से उसकी मृत्यु हो गयी ! उसकी मृत्यु के बाद जब वो नीलम बेटे के हाथ में आया तो उसकी भी किस्मत डूबने लगी, तो उसने एक मित्र को वह नीलम दे दिया | आश्चर्य की बात तो तब हुई जब उसके मित्र ने आत्म हत्या कर ली और वह नीलम फिर से एक बार उसके पास लौटकर आ गया | लाख कोशिशों के बाद भी वह उससे पीछा नहीं छुड़ा पाया था |



Edward Heron-Allen, नामक एक रेसर्चर के हाथ यह खूनी नीलम तब लगा जब वह इस मामले में Natural History Museum में तहकिकात कर रहा था, 1890 में... पत्थर ने अपना असर दिखाया और एक के बाद एक हादसे उसके साथ होने के बाद उसने उस पत्थर को नाले में फेंक दिया, यह सोचते हुए कि उसे अब कभी भी उस पत्थर को नहीं देखना पड़ेगा ! मगर इस बार भी कुछ अजीब ढंग से वह मनहूस पत्थर एक मछवारे को मिला, जिसने उसे एक सौदागर को बेचा और उस सौदागर ने वापस उसे एडवर्ड के पास ही लाकर छोड़ दिया !   


अब एडवर्ड ने उस पत्थर को बैंक में कुछ तावीजों के साथ और ७ लिफाफों के अन्दर बंद करके जमा करवा दिया था, और स्पष्ट रूप से ये निर्देश दे दिया था कि इसे मेरी मृत्यु के ३ साल बाद ही खोला जाये, उससे पहले नहीं | वह पत्थर वास्तव में नीलम नहीं था, बल्कि वह एक Amethyst/जमुनिया है | मृत्यु के बाद उसकी बेटी ने उसे निकलवाकर Natural History Museum के हवाले कर दिया जो कि आज भी वहीँ मौजूद है, लन्दन में | जो पत्र एडवर्ड ने उसके ऊपर लगाया था उसके शब्द इस प्रकार से थे, “जो कोई भी इसे खोले, वह पहले इस चेतावनी को पढ़े और उसके बाद जो उसके मन में आए इस पत्थर के साथ करे. मेरी सलाह उस आदमी, या औरत के लिए यह है कि वह इसे समुन्दर में फेंक दे !

Thursday, February 20, 2014

खूनी नीलम

Original Khooni Neelam, VVS3 grade.



दिल्ली के एक प्रसिद्ध जोहरी की कहानी मझे ध्यान है, वे करोड़पति थे, किन्तु काल के प्रभाव से धीरे धीरे आर्थिक दृष्टि से वे विपन्न हो गए | चरों भाई लगभग कंगाल बन्ने की स्थिति में चले गए | उनके मकान बिक गए, दूकान लगभग बंद सी हो गयी.. गाड़ियाँ आदि बिक गए | इन्हीं दिनों में उनके बड़े भाई मुझसे मिले, और अपनी दुःख व्यथा उन्होंने मुझे कह सुनाई | मैंने उनके हाथ को देखकर कहा, “यों तो खूनी नीलम धारण करना कोई भी पसंद नहीं करता, परन्तु तुम्हारे लिए वह लाभदायक है, यदि तुम कहीं से प्रयत्न कर खूनी नीलम प्राप्त कर धारण कर लो, तो वापिस तुम उन्नति कर सकते हो |”




उन्होंने प्रयत्न किया, तो एक व्यक्ति ने बताया कि मेरे पास खूनी नीलम है, पर इसके प्रभाव से मैं बर्बाद हो गया हूँ, मैंने तो उसे locker में रख छोड़ा है, मैं तो जाकर हाथ भी उसे लगाऊंगा नहीं, यदि आप चाहें तो मेरे साथ चलकर उसे ले सकते हैं, आप जो भी धनराशी देंगे, मैं स्वीकार कर लूँगा |





 जौहरी को वह सात लाख का खूनी नीलम पचास हज़ार में प्राप्त हो गया, उन्होंने वह नीलम सोने की अंगूठी में जड़वा कर धारण कर लिया | उंसी दिन से उनके भाग्य ने जो पलटा खाया, मात्र छः महिनों में ही वह फर्म वापिस करोड़ों में खेलने लगी, और आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक मजबूत हो गयी | आज भी वे अपनी उन्नति का कारण खूनी नीलम ही मानते हैं, और वे जौहरी हमेशा उसे पहने रहते हैं |


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Dr. Narayan Dutt Shrimali
    (Year 1975 incident).