Total Pageviews

Showing posts with label Problem Cure. Show all posts
Showing posts with label Problem Cure. Show all posts

Saturday, March 1, 2014

Alcohol Addiction Remedy, शराब छुड़ाने का टोटका.




जिन महिलायों के पति अधिक शराब का सेवन करते हैं तथा अपनी आय का अधिक हिस्सा शराब पर लुटातें हैंउनके लिए सबसे सरल उपाय यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है जिस दिन आपके पति शराब पीकर घर आयें और अपने जूते उतारें, आप उस जूते के वजन के बराबर आटा लेकर उसकी बिना तवे तथा चकले की मदद से रोटी बनाकर सकें | इस रोटी को आधा सकें, मतलब एक ही हिस्से से सकें, दूसरा हिस्सा कच्चा ही रहने दें और इसे अपने पति के सर से ७ बार उल्टा घुमा कर, किसी पूरे काले कुत्ते को खिला देंकुछ ही समय में वह शराब से घृणा करने लगेंगेयदि ऐसा लगभग २१ दिन किया जाये तो वो निश्चित ही शराब छोड़ देंगे|


शराब छुड़ाने का एक उपाए यह भी है की आप किसी भी रविवार को एक शराब की उस ब्रांड की बोतल मंगवा लायें जो ब्रांड आपके पति पीते हैंरविवार को उस बोतल को किसी भी भैरव मंदिर पर अर्पित करें तथा पुन: कुछ रूपए देकर मंदिर के पुजारी से वह बोतल वापिस घर ले आयेंजब आपके पति सो रहें हो अथवा शराब के नशे में चूर होकर मदहोश हों तो आप उस पूरी बोतल को अपने पति के ऊपर से उसारते हुए २१ बार “ॐ भं भैरवाय नमः” का जाप करेंउसारे के बाद उस बोतल को शाम को किसी भी पीपल के वृक्ष के नीचे छोड़ आयें| जब भी वो पीकर ए, ऐसा ही कर दें | कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक रूप से बदलाव देखने को मिलेगा |


शराब छुडवाने का एक यह भी उपाय है की आप एक शराब की बोतल किसी शनिवार को पति के सो जाने के बाद उन पर से २१ बार वार लेंउस बोतल के साथ किसी अन्य बोतल में आठ सो ग्राम सरसों का तेल लेकर आपस में मिला लें और किसी बहते हुए पानी के किनारे में उल्टा गाढ़ दें जिससे बोतलों के ऊपर से जल बहता रहे|


गुरूवार को केले पर हल्दी लगाकर गुरु के १०८ नामों के उच्चारण से भी पति की मनोवृति बदलती है|

केले के वृक्ष के साथ यदि पीपल के वृक्ष की भी सेवा कर सकें तो फल और भी जल्दी प्राप्त होता है|


गृह क्लेश दूर करने के लिए तथा आर्थिक लाभ के लिए गेँहू शनिवार को पिसवाना चाहिए|उसमे प्रति दस किलो गेँहू पर सो ग्राम काले चने डालने चाहिए|


Alcohol ill effects
Alcohol shrinks the brain

Wednesday, January 8, 2014

रोग निवारण का सबसे अचूक विधान... महामृत्युंजय साधना


शिवरात्री....

देवादिदेव महादेव का निर्गुण से सगुण होकर पृथ्वी पर अवतरित होने वाली रात्री को ही कहते हैं महाशिवरात्री. वह रात्री जब पृथ्वी पर शिव तत्त्व प्रबलतम होता है. इस रात अगर जागरण कर शिवार्चन करें तो निश्चित ही ‘औघड़ दानी’ अपने भक्त की कामना पूर्ण करते हैं. इस शुभ समय में रुद्राभिषेक करने का भी विशेष महत्व है, प्रत्येक कार्य की सिद्धि के लिए अलग-अलग पदार्थों से रुद्राभिषेक किया जाता है. और इसी रात्री की जाति है एक और अद्वितीय साधना....... जिसे की कहा गया है ... मृत संजीवनी साधना ......

मृत संजीवनी... यानि मृत जीवन को संजीवित कर देने की साधना. मृत्यु तो निश्चित रूप से एक दिन सबकी होनी है. जो इस जग में आया है उसे तो जाना ही है, किन्तु ये साधना असमय मृत्यु से बचाती है. स्वस्थ शारीर और स्वस्थ मन प्रदान करती है.. क्यूंकि जीवन रहते हुए भी यदि शारीर रोगी है, तब भी मृत्यु के सामान ही है. यदि मन में कोई चिंता है, तब भी मृत्यु ही है. यह मंत्र साधना करने से अकाल मृत्यु, रोग रूपी मृत्यु और अन्य चिंता रूपी मृत्यु से निश्चित मुक्ति प्रदान करते हैं महादेव.


रुतं हरती पापात् निवारयति स रुद्रः ||


रोगों को हरने वाले.. पापों का निवारण करने वाले ही शिव हैं. शिव भक्तों का “हर हर महादेव..” का जय घोष करने के पीछे भेद भी यही है कि रूद्र उनके पापों को, दुखों को, संताप को हर लें.
मृत्यु संजीवनी साधना ही महामृत्युंजय साधना है. मृत्युंजय मंत्र के विविध रूप है. आज कल तो मूल त्रयम्बक मंत्र को ही महामृत्युंजय मंत्र मान लिया जाता है जो की भ्रम है ! त्रयम्बक मंत्र मूल मृत्युंजय मन्त्रों में शामिल है, मगर मृत्युंजय मंत्र के भी मुख्य ३ भेद हैं....

१. यह प्रथम मृत्युंजय मंत्र है जो की साधारण रोगों को दूर रखता है, दुखों से तारता है. इसका नित्य जप अपनी पूजा में शामिल किया जा सकता है. इससे निश्चित आयु रक्षा होती है.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||

२. रोगों को शांत करने के लिए.. जटिल से जटिल रोग के निवारण करने के लिए यह मंत्र अस्चार्यजनक परिणाम देता है. किसी रोगी व्यक्ति को अगर बहुत कष्ट हो रहा हो, तो वह इस मंत्र को करे.. या फिर किसी audio tape में बजाकर इसे सुने, उसे शांति प्राप्त होगी.

यदि किसी अति वृद्ध व्यक्ति के प्राण नहीं निकल रहे हों, जबकी उसकी उम्र भी जाने की हो गयी हो और अधिक कष्ट हो रहा हो वृधावस्था के कारण तो उस व्यक्ति के पास इस मंत्र को जपें ताकि इसकी ध्वनि वृद्ध व्यक्ति के कानों में पड़े. निश्चय ही उसे जीवन से और कष्ट से मुक्ति मिल जाएगी. ऐसा मैं इसलिए नहीं लिख रहा हूँ की कहीं पढ़ रखा है, या कहीं सुना है.. बल्कि मैंने इसको test भी किया था और आश्चर्यचकित हो गया था देखकर..

मेरी नानी की उम्र 96 हो गयी थी, वृद्ध और कमजोर शारीर के कारन अधिक कष्ट झेलना पढ़ रहा था. कितनी बार जाने की इच्छा करती की हे भगवन अब कहे नहीं उठा रहे हैं... कुछ हफ़्तों से तो शारीर के चलना फिरना भी बिलकुल बंद.. हाथ पैर भी नहीं हिल रहे थे. खैर, अंतिम दिन रात्री को मैंने इसी मंत्र की recording बजायी हुई थी करीब १-२ घंटे.. उससे पुरे घर में एक अलग ही वातावरण बन्ने लगा था. उसके बाद उनका शरीर शांत होने लगा था. दुसरे दिन ही बाबा बैद्यनाथ धाम में शिवजी को जल चढ़कर आया तब थोड़ी देर में ही उनके प्राण निकल गए. कोई ये न समझ ले की यह मंत्र मृत्यु देता है ! बल्कि यह कष्टों से मुक्ति देता है और जीवन ही देता है.. क्यूंकि असल में कष्ट ही तो असल मृत्यु है !

ॐ भुः ॐ भुवः ॐ स्वः त्र्यम्बकम् यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||ॐ स्वः ॐ भुवः ॐ भुः ॐ ||

३. वास्तविक मृतसंजीवनी/महामृत्युंजय मंत्र जिसका जप रोग निवारण और शोक निवारण हेतु किया जाता है वह इस प्रकार है-


ॐ हौं ॐ जूँ ॐ सः ॐ भूः ॐ भुवः ॐ स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् ||ॐ स्वः ॐ भुवः ॐ भूः ॐ सः ॐ जूँ हौं ॐ ||


लघु मृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है -

ॐ जूँ सः पालय पालय ||

Kidney कि खराबी होने पे इस मंत्र को नित्य जपना चाहिए-


ॐ वं जूँ सः ||


इनमे से किसी भी मंत्र का नित्य १०८ बार जप करना जीवन में सभी रोग, ग्रह दोष, कष्टों को नष्ट करने के लिए कोई भी कर सकता है, उसके घर में अकाल मृत्यु नहीं होती रोगों से भी वह पूर्णतः निश्चिंत रहता है. इसे प्राणश्चेतनायुक्त रुद्राक्ष माला से ही जपना चाहिए.. या फिर बिना माला के भी जप सकते हैं, मगर किसी अन्य माला का उपयोग इस मंत्र के लिए न करें.
इस मंत्र के अनुष्ठान में निम्नलिखित सामग्रियों से हवन करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं- 



घी                 - आयु लाभ.
शेहद और घी        – मधुमेह रोग मुक्ति.
भांग, धतुरा या आक  – मनोरोग से निवृत्ति.
ढाक के पत्ते          – नेत्ररोग.
बेलपत्र या बेलफल    – ऊदर सम्बंधित रोग मुक्ति.
घी और दूब         – जटिल रोग निवृत्ति.


सर्वरोग मुक्ति के लिए बेलगिरी, आँवला, सरसों, तिल से हवन करना चाहिए. 

Tuesday, November 5, 2013

TANTRIC RITUAL- To solve all problems


Do You have any problem which is not getting solved ??
Are you facing continous problems in your family life ?
Do you fear that you will fail in the exam/interview/meeting ?
Are you doubtful whether the work you have undertaken will fail ???
Do you have any tension regarding business/career and you do not know how to solve it...........?

Well, here is a one night solution for it from the most secretive Tantric rituals. Our country has abundance in Occult and certain Mantras are so effective that nobody can deny its effect, if tried with devotion.
Some rituals are so simple that you do not need much long procedure and materials for it. Only the dedication and strong will power towards the Mantra is what is most important.
This sadhana is very very powerful, as well as simple, so that any commoner can do it and be astonished by seeing the results. When all the doors are closed then just try this simple procedure and get free of that tension overnight.

Once, I had a very strong obstacle in front of me and I didn’t know how to come out of it. Even though I was right but some selfish people were trying to overpower me..... I had no other option left, then that night I took holy water in my right hand and took Sankalp, that I’m performing this Mantra Jaap of the following Devi, let all my enemies be overpowered by me.

And it took me 4-5 hours to do the whole ritual and the next day itself I found some support from some people who knew me... In the coming days however, I fully achieved what I wanted so I can authentically say that this Mantra shows its effect from the very next day you perform this, the conditions will get in favour of you. The only thing needed is that you complete the ritual in the correct way. Within  2-3 days your desired work will be completed.

A person was fearful of Income Tax people to raid his house, he performed this sadhana and after that he got clearance from that, he still believes in this Mantra ritual very strongly.
This is a single night Sadhana, so you have to do the mantra jap only for one night. At the night time, sharp at 12 o’clock, wear red robes and sit on a red mat facing East direction. With a Hakeek Rosary do 11 rounds of rosary of this mantra with full concentration. Do not get up from there before completing it, neither drink water or speaking anything else before completion. Once you start Mantra chanting  you must complete full 11 rounds then only get up. Its my opinion that things start getting in favour from the time you finish the chanting. Mantra-

           ॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चै ॐ ग्लौं हुं क्लीं जुं सः 
               ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्ज्वल प्रज्ज्वल 
         ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चै ज्वल हं सं लं क्षं फट स्वाहा ॥

OM AING HREENG KLEENG CHAMUNDAYEI VICHE, 
OM GLOUM HOOM KLEENG JOOM SAH 
JWAALAYA JWAALAYA, JWALA JWALA, PRAJJWALA PRAJJWALA,
AING HREENG KLEENG CHAMUNDAYEI VICHE,
JWALA HAM SAM LAM KSHAM PHAT SWAHA..

Next day, you have to drop that Hakeek rosary in a lonely place, where nobody lives.
It is very important to start this ritual at mid-night 12o’clock, so you must take bath and be ready by wearing the red clothes from before. It does not matter what time you finish it, how much time it takes. You can also light Ghee oil lamp and incense before you, and pray to Goddess for success. Do Ganpati pujan and Guru Mantra also before and after the main ritual.



Please be free to ask if you have any querry, or share your experience after doing this sadhana. Qualitatively, this sadhnana has a magical effect and is especially used in dangerous situations, to overcome it. It has no side effects if not completed properly.