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Monday, February 3, 2014

वशीकरण, सम्मोहन विज्ञान



1). किसी भी सिद्ध दिवस को प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और सूर्य देव को अर्ध्य देकर इस मंत्र को उत्तर की तरफ मुख करके, मूँगे की माला से ३ माला मंत्र जाप करें | लाल वस्त्र एवं लाल आसन हो | ३१ दिन नित्य जपने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है और तब इसके बाद कभी भी जब इसका प्रयोग करना हो तब थोड़े से लौंग या इलाईची या सुपाड़ी हाथ में लेकर इस मंत्र को २१ बार पढ़ लें तो वह वस्तु वशीकरण प्रभाव युक्त हो जाएगी | इसे किसी भी विधि से उसे खिला दें जिसे अपने अनुकूल करना हो, तुरंत वशीकरण होगा | आप जैसी भी इच्छा करेंगे वह व्यक्ति वैसा ही करेगा | अगर इसका प्रयोग थोड़े समय तक करते रहे तो जीवन भर वह साथ में रहेगा और कभी भी दूर नहीं जायेगा | 


|| ॐ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने (अमुक) महीपति में वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ||

इस मंत्र में सिद्ध करते समय ‘अमुक’ शब्द का उच्चारण न करें और जब प्रयोग करना हो तब ‘अमुक’ की जगह पर उस व्यक्ति का नाम उच्चारित करें जिसको वश में करना हो !

2). रवि पुष्य योग में गूलर के फूल और कपास के रुई से बत्ती बना लें और उस बत्ती को मक्खन से जलाएं | अब इस दीपक के लौ पर किसी मिटटी के बर्तन पर घी लगाके रख दें ताकि उसपर काजल जमा हो जाये | इस काजल को भाल कर रख लेना चाहिए, इसे रात में अपनी आँखों में लगाने से समस्त जग उसके वश में हो जाता है, अतः इसे सुरक्षित रखना चाहिए, कम ही उपयोग करना चाहिए |

3). बिल्व पत्र को छाया में सुखा लें | इसे चूर्ण बनाकर कपिला गाय के दूध के साथ मिलाकर तिलक करने से जिसके पास भी जायेगा वो वश में होगा ! कोर्ट केस में या विरोधी पक्ष के पास जाते समय इसका प्रयोग करे तो आश्चर्यजनक सफलता मिलती है !


4). अमावस्या की रात्री को काली धोती पहनकर काले आसन पर बैठे और सिद्ध मोती की माला से इस मंत्र की एक माला फेरे, या फिर हाथ से ही गिनती कर १०८ बार मंत्र पढ़े | पूर्व की ओर मुख करके मंत्र जप करे और सामने घी का दीपक जला हुआ हो | इस प्रकार से २१ दिन मंत्र जाप करें | इसके बाद किसी भी मिठाई को या चीनि को हाथ में लेकर २१ बार मंत्र पढके उसपर फूंक मार दे और उस व्यक्ति को खिलाये जिसका वशीकरण करना है | ऐसा लगातार कम से कम ७ दिन तक खिलाये तो निश्चित वशीकरण हो जायेगा !


|| ॐ कामेश्वर (अमुक) आनय आनय वश्यनां क्लीं ||

5). ये एक अत्यंत ही गोपनीय एवं सरल वशीकरण है जिसको कोई भी कर सकता है,, मगर ध्यान रहे, किसी भी स्थिती में किसी को भी इस बारे में न बताये की यह प्रयोग कर रहा है या किया है | उस स्त्री के थोड़े से बाल किसी विधि से ले आए जिसपर यह क्रिया करनी है और उसको सामने रखकर उसको एक तक देखते हुए “ॐ ह्रीं सः” मंत्र को १ लाख जाप ग्रहण काल या होली में करे | फिर उसे जलाकर उसकी राख उस स्त्री के ऊपर दे दे तो निश्चित रूप से वशीकरण होगा |





वस्तुतः वशीकरण विद्या कोई चमत्कार या जादू नहीं है, ये तो एक विज्ञान ही है | जो लोग इस चीज़ से अंजान हैं, जिन्होंने हमारे धर्म ग्रंथों का गहराई से अध्ययन नहीं किया वे ही इस प्रकार से मुर्खता पूर्ण विचार करते कि भला किसी तिलक के करने से वशीकरण क्रिया कैसे संपन्न हो सकती है ? वास्तव में तो हमारे तंत्र शाश्त्र ऐसे कई प्रयोगों से भरे पड़े हैं, जिनमे की वनस्पतियों और अन्य सामग्रियों के प्रयोग से माथे पर तिलक करने से, फिर किसी से मिलने जाने से सामने वाले व्यक्ति पर सम्मोहन का प्रभाव पड़ता ही है | इसे ललाट पर आज्ञा चक्र वाले स्थान पर लगा लेने से हमारे आज्ञा चक्र से जो विद्युत तरंगे निकलेंगी वो सामने वाले व्यक्ति के आज्ञा चक्र को आदेश देंगी और तत्क्षण उसका अचेतन मन प्रभावित होगा ही.. फिर वह विरोध नहीं कर पाता, अपितु जो भी वह कहे वैसा ही करने को तत्पर रहता है | हमने कई ऐसे उदाहरण देखे होंगे अपने जीवन में, या कई ऐसे आदमी से मिले होंगे, जिन्हें एक झलक देखकर ही मन प्रसन्न हो जाता है ! वह मुस्कुराता है तो हम भी मुस्कुराने लग जाते हैं, वह कुछ कहता है तो हम एक तक उसे देखते रहते हैं और सुनते रहते हैं, पर वहीँ कोई ऐसे लोग भी मिल जाते हैं जिससे दो मिनट बात करने का भी जी नहीं करता | यह सब उस व्यक्तित्व में चुम्बकत्व और उर्जा का ही तो प्रभाव है !

हमारे धर्म में कई ऐसे रस्म हैं जिसे हम रोज करते हैं पर जिनके बारे में हमने कभी विचार भी नहीं किया की वह आखिर है क्यूँ.. किस प्रयोजन से... उसके पीछे का तथ्य आखिर क्या है.


विवाहित स्त्रियों को सिंदूर, लाल बिंदी के उपयोग करने के पीछे ऐसा क्या अनोखा विज्ञान है ??
क्यूँ कहा जाता है हमारे घर में कि विवाहित स्त्रियों को विवाह हो जाने के पश्चात अपने बाल खुले नहीं छोड़ने चाहिए ...?
क्यूँ बड़े-बूढ़े कहते हैं हमसे की अपने नाखून और बाल काटकर घर में इधर-उधर मत छोड़ो..


पुरातन काल में राजा महाराजा लोग और अन्य आस्थावान लोग भी दिन भर कुमकुम से या श्वेत चन्दन का तिलक किये रहते थे.. और उनका व्यक्तित्व भी अत्यंत प्रभावशाली था, जबकि आज तो स्थिती ये है की किसी को एक काम दस बार भी बोलो तो उसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, वो अनसुना कर देता है | सार ये है की हमें अपने सनातन प्रथायों के प्रति जागरूक रहना जरुरी हो गया है और अपने जीवन को और ज्यादा सुलभ और सरल बनाने के लिए उन लुप्त हो रहे सूत्रों को पकड़ कर अपने जीवन में अवश्य उन्हें स्थ्हन देना चाहिए तभी जीवन में पूर्णता प्राप्त हो सकती है |

4 comments:

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  3. har samasya ka samadhan paane ke liye abhi call kre 9970992037

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  4. har samasya ka samadhan paane ke liye abhi call kre mo. 9970992037

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