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Wednesday, March 26, 2014

ढाई आखर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होए !



शुक्र ग्रह जन्म-कुण्डली में अच्छा फल दे रहा हो तो वाणी में मिठास, सुन्दरता, आकर्षण, सौम्यता, ऐश्वर्य प्रदान करता है | पूज्य सदगुरुदेव जी के भी कुंडली में शुक्र १२ वें स्थान में था, अत्यंत शुभ फल देने वाला..., अमिताभ, धर्मेन्द्र आदि में भी यही शुक्र ग्रेह की प्रधानता थी/है | कोई भी व्यक्ति अगर चाहे तो शुक्र के शुभ फल प्राप्त कर सकता है, इस प्रकार से -

अपने घर के पास कोई सफ़ेद गाय खोज लें, या जहाँ वो बैठी रहती हों पता कर लें, वहां रोज जाकर के पूरे हथेलियाँ भरकर आलू लेजाकर खिला देवें ! यह उपाय किसी भी दिन से शुरू कर सकते हैं, एक भी दिन बिना छोड़े कम से कम 40 से 43 दिन तक करें, मगर शुभ फल की सूचना हफ्ते भर के अन्दर-अन्दर मिल जाएगी !

किसी के प्रेम सम्बन्ध में असफलता हो रही हो तो समझ लेना चाहिए किसी दूसरे ग्रह की वजेह से शुक्र बुरा फल दे रहा है ! कोई करे फिर अनुभव करेगा लोग स्वतः ही आकर्षित होते चले जायेंगे, यह भी न कर सकें अगर, तो सफ़ेद वस्त्र धारण किया करें, इससे भी उपरोक्त लाभ प्राप्त होते हैं !

शुक्र रत्न - हीरा,
रंग - सफ़ेद,
कारकत्व - प्रेम, सौंदर्य, ऐश्वर्य !




Saturday, March 15, 2014

कहिये, क्या आपकी कोई समस्या है ?

क्या आपके जीवन में निरंतर बाधाएं व्याप्त होती रहती हैं ..?
चाह कर भी क्या आपको अपने या दूसरों के किये हुए कर्मों का अशुभ फल भोगना पड़ रहा है ??
अगर जीवन में किसी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पा रही हो, अनावश्यक विलंब आ रहा हो..


या कुछ भी समस्या हो रही हो तो आप ऐसा करें, मुझे अपने और अपने परिवार के सभी नजदीकी सदस्य की जिसकी भी जन्म कुण्डली बनी हुई हो, उसे देखकर व्यक्ति का नाम, जन्म दिनांक, समय  और जन्म स्थान  मेरे facebook अकाउंट में मेसेज कर दें, आपको मैं एक ई-कुण्डली बनाकर डॉक्यूमेंट फाइल सेंड कर दूंगा, जिसमे की आपके जीवन की सभी सास्याओं का सरल और सटीक समाधान होगा ! इस हेतु आपको कोई व्यय नहीं उठाना है, हाँ एक अनिवार्य नियम अवश्य है जिसको अप पूर्ण करेंगे उसके बाद ही आपको यह निःशुल्क "KUNDLI REMEDIES" उपलब्ध करायी जाएगी - 

KUNDLI REMEDIES नामक यह निःशुल्क ई-कुण्डली प्राप्त करने के लिए अनिवार्य शर्त यह है कि आपको नित्य एक निर्धारित समय में निचे दिए 'गुरु मंत्र' की 4 माला मंत्र जप करनी है, नित्य 7 दिनों तक ! यह एक अनिवार्य शर्त है जो कि सभी के लिए है इसे पूरा करने के बाद ही कुण्डली देखी जाएगी | अतः आप इस अनिवार्य नियम को पूरा करके ही संपर्क करें |

इस अनिवार्य कर्म को कर लेने के पश्चात आप मुहसे इस हेतु संपर्क कर लेवें और मैं एक बात और स्पष्ट कर देना उचित समझता हूँ कि यह गुरु मंत्र कोई भी, चाहे वह गुरुदेव से दीक्षित हो या न हो, उसने किसी भी गुरु को धारण को धारण किया हो वह ये मंत्र भी कर सकता है, ये भ्रम मन में न लायें की आपके गुरु कोई और हैं तो आप ये मंत्र नहीं कर सकते ! बल्कि मैं तो यही कहूँगा कि आप करें और अनुभव करें कितना प्रभावयुक्त नारायण गुरु मंत्र है यह जिससे सभी प्रकार की इच्छाएं पूर्ति होती हैं .. अगर कोई इस मंत्र का सवा लाख का अनुष्ठान संपन्न करे तो उसकी कोई भी इच्छा निश्चित पूरी होती है, वह खुद इसे करके अनुभव कर सकता है !

KUNDLI REMEDIES में आपको इन विषयों पे जानकारी मिल जाएगी आपके जन्म-कुंडली, चन्द्र-कुंडली पे निर्धारित..

- आपका नामकरण प्रथमाक्षर !

- लाल किताब से जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य, जीवन की स्थिति क्या है, कौन से ग्रह कैसा प्रभाव दे रहे हैं !
- लाल किताब उपाय (सरल, साधारण, अचूक) !
- रत्न धारण सुझाव, धारण विधि, लाभ !
- शनि साढ़े साती कब है !
- काल सर्प योग - परिचय, कुण्डली में ये दोष है या नहीं, समाधान !
- मांगलिक दोष विचार, कुण्डली में मांगलिक दोष है या नहीं, समाधान !
- इष्ट देव विचार !


और केवल इतना ही नहीं KUNDLI REMEDIES में 'रेमेडीज' शब्द इसीलिए रखा गया है क्यूंकि इससे आपकी समस्या का समाधान करने की कोशिश की जाएगी, एक सरल उपाय बताया जायेगा, एक सुझाव दिया जायेगा, जिसे कि आप कर सकें, एवं अपने जीवन को सफल बना सकें | अगर आपका कोई विशेष प्रश् हो तो वह आप इसके साथ ही लिख भेजें | यह भी बता दें की आपको हिंदी भाषा में कुण्डली बनवानी है या फिर अंग्रेजी में, किन-किन विषयों के ऊपर जानकारी चाहिए है, इत्यादी, इत्यादी..

इस होली पर्व पर एक शुभ संकल्प के साथ....


आपका अपना गुरुभाई.

निखिल प्रणाम....._/\_


                           
                            




 आपको जो 'गुरु मंत्र' करना है, वह निम्नलिखित है, आपको इसी मंत्र की 4 माला नित्य 7 दिनों तक किसी भी निर्धारित समय पर फेरनी है | आप किसी भी स्फटिक माला से या रुद्राक्ष माला से यह मंत्र जप करें या अगर कोई माला पास में नहीं हो तो यूँही गुरुदेव जी की तस्वीर को देखते हुए सिर्फ आधे घंटे तक यह मंत्र जप कर लें | जब आप ऐसा 7 दिनों तक कर लेंगे तो मुझे मेरे फेसबुक अकाउंट में सूचित कर दें आपको आपकी कुण्डली देखकर मैं समाधान बता दूंगा | 'गुरु मंत्र' है -

|| ॐ परम तत्त्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ||
|| OM PARAM TATTWAY NARAYANAY GURUBHYO NAMAH || 

Pujya Gurudev Dr. Narayan Dutt Shrimali


Wednesday, March 5, 2014

Gandharvaraaj Chetanaa Prayog For quick marriage of girls




Gandharvaraaj is the deity of love, marriage and beauty. By offering prayers to him one can get married to the person of one's choice. This is a Sadhana only for girls. Women can try it for getting good husbands too.
Start this Sadhana from a Monday and end it on a full moon day. In this period one should chant the Mantra ten thousand times. If there is some problem in a love marriage then too this Sadhana can be tried. Once Gandharvaraaj is pleased through a Sadhana he appears in a subtle form to bless the Sadhak. This Sadhana must be tried by the girl in the night. Some other family member can also try it on the behalf of the prospective bride.
In the night of Monday have a bath and wear fresh clothes. Cover a wooden seat with a yellow cloth. In its centre place the Praan-Pratisthhit Gandharva Yantra. Before it place a Siddhi Chakra(Gomati Chakra). If one has a particular wish then write it on a paper and place it under the amulet. Light a ghee lamp and incense.

At ten in the night start the Sadhana. It is not necessary to perform this Sadhana in the place of worship rather one can also do it in the sleeping room or any other isolated spot. First of all offer seven flowers on the Yantra/amulet and pray to Gandharvaraaj -O Gandharvaraaj! You are very kind. Air is your vehicle. Love is your form. Beauty is your ornament. Please help me fulfil my wish.
Next chant the following Mantra with Vishvaasu(Sfatik) Manni rosary.


|| Om Kleem Vishvaasu Naam Gandharvah Kanyaah Naamaadhipatih Labhaami Dev-dattaam Kanyaam Suroopaam Salaankaaraam Tasmei Vishvaav-sarva Namah ||


Each day chant the Mantra with the same rosary. The number of chantings must be calculated according to the number of days from Monday to the full moon day. You can chant 21 rounds of rosary daily or 51 rounds, as per requirement and devotion.
In the night of full moon chant five extra rounds and tie the amulet around your waist. Place the Siddhi Chakra at home in the place of worship.

There are many more Sadhanas related to quick marriage that shall appear in the future. What ever be the type of Sadhana if it is used for a good and pure cause then one surely attains to success.

Drive away all family tensions



Marriage means the coming together of a man and woman from two different backgrounds. Their thoughts might be different, their habits might be different but they have to live together and make the marriage a success. But many times there are quarrels and differences which result in bitterness.

If there is tension in the house one is not able to do things which one has planned. The ancient texts state - Very lucky is the person who gets a good and cooperative spouse in life.


Some times the tension due to the differences become so unbearable that married life seems to be a burden, progress in life stops and one becomes frustrated. Such a situation is not favourable for either life partner.
In such a situation Sadhana is the only means of attaining a balance and harmony in married life. Through it married life could be made more happy, successful and peaceful. When the thinking of two persons is in harmony then life surely is peaceful.


Try this Sadhana on a Monday. It is better to try this Sadhana in the months of Kaartik, Maargsheersh or Sharad, or any month. One can continue chanting one round of Mantra for 41 days or at least 21 days, for good results.

In the night of a Monday at ten start the Sadhana. If the Sadhana is accomplished at midnight then it proves even more rewarding. One needs a Mantra-Energised Sfatik rosary for this Sadhana. Keep these articles ready before starting the Sadhana. Once you have started the Sadhana do not get up from the worship mat.
One also needs rice grains dyed yellow with turmeric, an oil lamp and red cloth. With vermilion draw a circle and in its centre write "क्लीं". Establish a Kalash and a Nariyal on green mango leaves on it. Meditate on the from of Kaamaakshi Devi and pray to her to give success in married life. Make a mark of vermilion on the Nariyal. Then chant the following Mantra 21 times each time offering rice rains on Kalash. Also with each mantra chant pickup one rice grain and throw behind yourself over your shoulder.




धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीं,
वां वीं वूं वागाधीश्वरीं ।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवी,
शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥


 Dhaam Dheem Dhoom Dhoorjateh Patneem, Vaam Veem Voom Vaagdheeshwareem.
Kraam Kreem Kroom Kaalikaa Devii,
Shaam Sheem Shoom Me Shubham Kuru.
Offer saffron on Nariyal and also offer rice grains and vermilion. Each time chant the Mantra. Then picking up the Nariyal sprinkle the holy water in home every room with Mantra, then distribute the Nariyal as prashaad to every member. Establish this Nariyal only on the 1st day, 11th day 21st day... and so on, on the others day just do the mantra chanting. This is a very, easy ritual. By chanting the Mantra regularly one can make life even more peaceful and happy.

Tuesday, March 4, 2014

Guru Worship ~



Sadgurudev had many times said - I and you are not related only in this birth rather we know each other for thousands of years. This relation is of the souls. You are not my brother, son or relative. The relation of souls is eternal. These relations are nurtured with heart beats, with calls of the soul and with love and devotion and faith.

The disciple does not get related to Guru from time of Diksha, rather he has already been related for the past several centuries. During this time the Guru changes many physical forms and so does the disciple. In each life Guru and disciple meet each other. Where there is meeting there is also separation. But this happens only on the physical plane. On spiritual plane there cannot be any separation.
The day of 3rd July is very auspicious for the disciples for on it one can devote oneself fully in the Guru's feet and pledge thus - O Sadgurudev! The faith with which you gave me Diksha without testing me is well fresh in my memory and I too promise you that I shall try to fulfil your aim, your pledges and shall try my best to spread the knowledge given to us by you. Please give me strength and guide me throughout the year ahead.
On 3rd July 1998 Sadgurudev left his mortal frame. But he has never left our hearts. He shall be always there. With this thought every disciple should offer prayers to the Guru on this day.


The Worship Procedure

After having had a bath on this day sit facing Siddhashram that lies to the North. Before yourself place a picture of Sadgurudev.
Then take water in right palm and sprinkle it on your body and the Sadhana articles chanting thus.


Om Apavitrah Pavitro Vaa Sarvaasthaam Gatopi Vaa, Yah Smaret Pundareekaaksham Sah Baahyabhyantar Shuchih.

Then take water in the palm again and drink it chanting thus. Do this thrice.


Om Ayeim Aatma Tatvam Shodhyaami Namah
Om Ayeim Vidyaa Tatvam Shodhyaami Namah
Om Ayeim Guru Tatvam Shodhyaami Namah

Then take water in the right palm and chant thus.


Om Vishnu Vishnu Shreemadbhagwato Mahaapurushasya Vishnnoraagyaa Pravartmaanasya Vishnnoraagyaa Pravartmaanasya Shree Brahmanne Dwitiye Paraardhe Shree Shwet-vaaraahkalpe Kaliyuge Jambudwipe Punnyashetre (speak surname) Gotram (name) Sharmaaham Asmeen Pavitra Diwase Guru Diwase Guru Hridaya Sthaapan Nimittam Vishisht Poojaam Samatyate.


On a wooden seat spread a yellow cloth and propitiate the sixteen Gurus. For this place 16 betel nuts one at a time from left to right chanting thus.


Prathamam Gurum Brahmam Sthaapyaami Namah
Cheitnayam Gurum Sthaapyaami Namah
Poorvaanushtthaanam Gurum Sthaapyaami Namah
Kapinjalam Gurum Sthaapyaami Namah
Vashishttham Gurum Sthaapyaami Namah
Aatreyam Gurum Sthaapyaami Namah
Mahaadeerghaay Gurum Sthaapyaami Namah
Agnimoordhaanam Gurum Sthaapyaami Namah
Deerghovasthaanam Gurum Sthaapyaami Namah
Deerghaavasyaam Gurum Sthaapyaami Namah
Deerghaastam Gurum Sthaapyaami Namah
Poornnatvam Gurum Sthaapyaami Namah
Sachidanand Gurum Sthaapyaami Namah
Tatraado Shodash Gurum Nikhileshwaraanandam Aavaahayaami Sthaapyaami Namah
Gururoopmavam Gurubrahmaroopam,
Vishnnushcha Rudram Devam Vadaamyam.
Guruvei Guruvei Param Poojyaroopam,
Guruvei Sadaaham Prannamam Namaami.
Guruvei Kaarunnya Roopam Sadevam,
Guru Aatmaroopam Praann Swaroopam.
Devasya Roopam Cheitanya Moortim,
Gururve Prannamyam Guruvei Prannamyam
Mam Ashru Arghyam Pushpam Prasoonam,
Deham Cha Pushpam Sharannyam Twamevam.
Jeevodvadaam Poornna Madeiv Prapadye Sadaaham,
Sharannyam Sharannyam Gururvei Sharannyam.
Tvam Naath Poornnam Tvam Dev Poornnam,
Aatma Cha Poornnam Gyaanam Cha Poornnam,
Aham Tvaam Prapannam Prapadye Sadaaham,
Sharannyam Sharannyam Guruvei Sharannyam
Anaatho Daridro Jaraa Rog Yukto,
Mahaa Sheernna Deenah Sadaa Jaadya Vaktaah.
Vipatti Pravishtam Sadaaham Bhajaami,
Gururvei Sharannyam Gururvei Sharannyam.


After this offer water, vermilion and flowers on the 16 Gurus. Also light Ghee lamp and incense. On a separate wooden seat place picture of Sadgurudev and chanting thus offer rice grains.


Om Aam Hreem Krom Praanaa Ih Praannaah
Om Aam Hreem Krom Jeev Ih Sthitah
Om Aam Hreem Krom Sarve-indryaanni
Om Aam Hreem Krom Vaangmanastvakachakshuh Shrotra Jihvaa Ghraann Pannipaad Paayupsthaami Ihaagatya Sukham Chiram Tishtthantu Swaahaa. Om Gum Idam Gangaa Jal Snaanam Gurubhyo Namah.
Om Gum Idam Kesharchandanam Gurubhyo Namah.
Om Gum Esh Dhoopah Gurubhyo Namah.
Om Gum Esh Deepah Gurubhyo Namah.
Om Gum Idam Pushpam Gurubhyo Namah.
Om Gum Idam Neivedyam Gurubhyo Namah.


Then chanting thus offer your body, mind, senses, knowledge, devotion, faith in feet of the Guru.

Mam Praann Deh Rom Pratirom Indrayaanni Shrotra Jihvaa Ghraann Paanni Paad Payoopasthaani Mam Shraddhaa Vishvaasam Samast Shishyaannaam Sarvasvam Cha Pushp Roopenn Samarpayaami.

Offer flowers in holy feet of Sadgurudev. Chant 4 rounds of Guru Mantra and sing Guru Aarti- GURU AARTI -
On this auspicious day take a pledge before the picture of Sadgurudev to offer selfless service to him.

The day of Mahaprayaann i.e. when Sadgurudev left his mortal frame is important as on it one can fully devote oneself in holy feet of Sadgurudev. One does not require any Sadhana articles for this Sadhana. One should just have a picture of Sadgurudev and pure sacred feelings of love and devotion in one's heart.




Guru Samarpann Stuti

* Ab Saunp Diyaa Is Jeevan Kaa, Sab Bhaar Tumhaare Haathon Mein,
Hai Jeet Tumhaare Haathon Mein, Aur Haar Tumhaare Haathon Mein.
I have devoted my entire life in your feet Gurudev. Whether I win or lose in life it is upto you.


* Meraa Nishchaya Hai Bas Ek Yahi Is Baar Tumhen Paa Jaaon Mein.
Arpann Kar Doon Duniyaa Bhar Kaa Sab Pyaar Tumhaare Haathon Mein.
Ab Saunp Diyaa Is ....
My only aim is to fuse with your divine soul and to love you from the core of my heart.


* Jo Jag Mein Rahoon To Aise Rahoon, Jyon Jal Mein Kamal Kaa Phool Rahe,
Mere Sab Gunn Dosh Samarpit Ho, Bhagwaan Tumhaare Haathon Mein.
Ab Saunp Diyaa Is ....

May I live in this world like a lotus in water which never gets wet. All my virtues and faults I devote in your feet.


* Jab Jab Sansaar Kaa Kaidi Banoo, Nishkaam Bhaav Se Karma Karoon.
Phir Ant Samay Mein Praann Tajoo, Saakaar Tumhaare Haathon Mein.
Ab Saunp Diyaa Is ....
May I live in this world egolessly and may I die in your living arms when death finally comes.


* Mujh Mein Tujh Mein Bas Bhed Yahi, Mein Nar Hoon Tum Naaraayan Ho,
Mein Hoon Sansaar Ke Haathon Mein, Sansaar Tumhaare Haathon Mein.
Ab Saunp Diyaa Is ....
The difference between you and me is that I am a common man and you are Supreme. I play in the hands of this world while you play with this world. 

Sunday, March 2, 2014

7 Secrets of LAL KITAB



लाल किताब के ७ रहस्य  



ज्योतिष ग्रंथों में जितनी महत्वता वैदिक नियमों को दी गयी है, उतना ही सामान्य जन साधारण में लाल किताब के उपाय मशहूर हुए | लोगों ने इन उपायों को किया, जांचा, परखा  और देखा कि सरल से दिखने वाले चीज भी वास्तव में ही अपने अप में विशेष प्रभाव लिए हुए हैं, विश्वसनीय हैं .. प्रमाणिक हैं | इसके अनुसार यदि हम अपने और परिवार की कुण्डली का अध्ययन करते हैं तो आसानी से ये पता कर सकते हैं कि जीवन में आखिर वो कौन से ग्रह हैं जिसके वजेह से लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है | आखिर वह कौन से उपाय हैं जिसको करने पर वह ग्रह कुप्रभाव देना बंद कर देगा | और आखिर वह कौन सा ग्रह है जिसके प्रभाव को अनुकूल बनाकर जीवन में मनोवांछित फल की प्राप्ति हम कर सकते हैं |


उदाहरण के लिए, यदि आँखों में चश्मा लग गया है, तो चाहे वो खानदानी जेनेटिक इन्फ्लुएंस से हो, या किसी भी अन्य कारणों से हुआ हो, इसका समाधान छुपा हुआ है केवल सूर्य में ... और इसके उपाए में ..
हमारे शरीर में ग्रहों के जो स्थान हैं, उनमे से सूर्य का स्थान है दायें नेत्र में.. और चन्द्र स्थित है वाम नेत्र में.. ठीक है ! अब इससे ये समझ में आता है कि दायें नेत्र और इसके फल स्वरुप बाएँ नेत्र में न्यूनता इसी कारन से ई होगी जब हम पर सूर्य ग्रह का शुभ प्रभाव नहीं प् रहा होगा ! और चन्द्रमा सूर्य की ही रौशनी पाकर प्रकाशित होता है, यह बात तो हम जानते हैं .. मतलब की सूर्य यदि कमजोर है तो चन्द्र भी दुर्बल हो गया | तो इस हेतु आप यदि सूर्य का उपाय कर लेंगे तो निश्चित जानिए उपाय पूर्ण होते-होते आपकी नेत्र ज्योति वापिस आ ही जाएगी, निश्चित समझिये ! हाँ, मगर मेरी ये सलाह है कि मात्र टीवी या अखबार में पढ़कर के उपाय नहीं करने लग जायें, क्यूंकि उसमे अधूरी बातें बतलाते हैं, कोई एक दो दिन के उपाय से पूरी तकदीर नहीं बदलेगी, उसको तो पूर्ण विधि विधान से ही करना होगा, अछि तरेह से समझ के, जान के, फिर..


इनके विभिन्न उपाय के बारे समय समय पर लिहता रहूँगा अभी कुछ सामान्य उपाय दे रहा हूँ जो कि सामान्य से नज़र आने के बावजूद भी असरदायक है, अपनाने योग्य हैं, आप इसे अपने जीवन में अपनाएं मुझे उम्मीद है आपको अवश्य लाभ होगा


सोमवार - चन्द्र का उपाय - जन्म कुण्डली में चन्द्र कमज़ोर है, तो सोमवार को खीर बनाएं, उसे ठंडा होकर रात को लें | सफे वस्त्र पहनें | जिसका स्वभाव उग्र हो, वो भी ये उपाय कर सकता है | इससे शिव कृपा भी प्राप्त होती है ! स्त्रियाँ सुन्दरता प्राप्ति के लिए और आकर्षक व्यक्तित्व प्राप्त करने के लिए ये उपाय कर सकती हैं | इस दिन श्वेत चन्दन का तिलक करें |

मंगलवार - क़र्ज़ मुक्ति हेतु - यदि क़र्ज़ हो गया हो, कोई उपाय नहीं सूझ रहा हो तो ४ किलो, या कम से कम सवा किलो मसूर दाल दान दें, अथवा बहते पानी में डालें | अगर पुलिस का चक्कर अचानक पड़ गया हो किसी भी वजेह से तो ये उपाय तुरंत असर करेगा (यदि बेक़सूर है तो..)

बुद्धवार - व्यापारिक उन्नति हेतु हरी दाल कम से कम सवा किलो गायेओं को खिलावें |


गुरुवार - इस दिन कढ़ी चावल खाएं, ब्राह्मणों और विद्वानों की सेवा करें, अगर संभव हो उन्हें पीत वस्त्र दान दें, विद्या प्राप्ति, धन प्राप्ति, पुत्र लाभ होगा !


शुक्रवार - इस दिन इत्र लगाने से और दही का दान करने से शुक्र के शुभ फल प्राप्त होते हैं | पत्नी से मनमुटाव हो जाता हो तो ट्राई मारें | :D


शनिवार - शनी पूजन करें  |


वास्तव में लाल किताब कोई टोना टोटका नहीं है, बल्कि एक इसके अन्दर में उच्च कोटि का वज्ञानिक तथ्य समिष्ट है जो कि एक बार में ही सुनने में अजीब स लगता है, मगर यकीन मानिये जितना अजीब ये सुनने में लगता है उतनी ही तीव्रता से इससे समाधान भी होता है | 


Saturday, March 1, 2014

Alcohol Addiction Remedy, शराब छुड़ाने का टोटका.




जिन महिलायों के पति अधिक शराब का सेवन करते हैं तथा अपनी आय का अधिक हिस्सा शराब पर लुटातें हैंउनके लिए सबसे सरल उपाय यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है जिस दिन आपके पति शराब पीकर घर आयें और अपने जूते उतारें, आप उस जूते के वजन के बराबर आटा लेकर उसकी बिना तवे तथा चकले की मदद से रोटी बनाकर सकें | इस रोटी को आधा सकें, मतलब एक ही हिस्से से सकें, दूसरा हिस्सा कच्चा ही रहने दें और इसे अपने पति के सर से ७ बार उल्टा घुमा कर, किसी पूरे काले कुत्ते को खिला देंकुछ ही समय में वह शराब से घृणा करने लगेंगेयदि ऐसा लगभग २१ दिन किया जाये तो वो निश्चित ही शराब छोड़ देंगे|


शराब छुड़ाने का एक उपाए यह भी है की आप किसी भी रविवार को एक शराब की उस ब्रांड की बोतल मंगवा लायें जो ब्रांड आपके पति पीते हैंरविवार को उस बोतल को किसी भी भैरव मंदिर पर अर्पित करें तथा पुन: कुछ रूपए देकर मंदिर के पुजारी से वह बोतल वापिस घर ले आयेंजब आपके पति सो रहें हो अथवा शराब के नशे में चूर होकर मदहोश हों तो आप उस पूरी बोतल को अपने पति के ऊपर से उसारते हुए २१ बार “ॐ भं भैरवाय नमः” का जाप करेंउसारे के बाद उस बोतल को शाम को किसी भी पीपल के वृक्ष के नीचे छोड़ आयें| जब भी वो पीकर ए, ऐसा ही कर दें | कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक रूप से बदलाव देखने को मिलेगा |


शराब छुडवाने का एक यह भी उपाय है की आप एक शराब की बोतल किसी शनिवार को पति के सो जाने के बाद उन पर से २१ बार वार लेंउस बोतल के साथ किसी अन्य बोतल में आठ सो ग्राम सरसों का तेल लेकर आपस में मिला लें और किसी बहते हुए पानी के किनारे में उल्टा गाढ़ दें जिससे बोतलों के ऊपर से जल बहता रहे|


गुरूवार को केले पर हल्दी लगाकर गुरु के १०८ नामों के उच्चारण से भी पति की मनोवृति बदलती है|

केले के वृक्ष के साथ यदि पीपल के वृक्ष की भी सेवा कर सकें तो फल और भी जल्दी प्राप्त होता है|


गृह क्लेश दूर करने के लिए तथा आर्थिक लाभ के लिए गेँहू शनिवार को पिसवाना चाहिए|उसमे प्रति दस किलो गेँहू पर सो ग्राम काले चने डालने चाहिए|


Alcohol ill effects
Alcohol shrinks the brain