कल पुनः एक बार इसी विषय का परिक्षण करने के लिए हमने
एक प्रयोग किया, कृष्णमूर्ति पद्धति को आधार मानते हुए क्या पहले से ही ये बताया
जा सकता है कि कौन सी घटना किस प्रकार से घटेगी ??
23 जनवरी को, यानी कल इंग्लैंड – अस्ट्रेलिया के मैच में किसकी जीत होगी यह पता
करने के लिए इस बार मैंने एक दिन पहले ही ज्योतिष आधार पर यह पता लगाने का प्रयास
किया. मैंने अपने इस मित्र से पूछा कि उसके मन में कौन सा अंक आ रहा है वह बताये (1
से लेकर 249 के बीच में), और कौन सी टीम जीतने वाली लगती है. उसने तत्काल कहा – अस्ट्रेलिया.
अंक – 27.
मैंने उसी रात्री को ही 27 अंक के ऊपर होररी कुंडली और उसमें लग्न को अस्ट्रेलिया
माना जबकि सप्तम भाव को इंग्लैंड ! अगर अस्ट्रेलिया मैच में विजयी होती तो फिर
भारत के लिए भी कुछ अच्छा मौका बन जाता था, नहीं तो भारत के प्रतिष्ठा के लिए
नुकसानदायक सिद्ध होता.
अस्ट्रेलिया इंग्लैंड
प्रथम उपेश - केतु बुद्ध
तृतीय उपेश - शुक्र सूर्य
पंचम उपेश - शनि शनि
एकादश उपेश - शनि शनि
अस्ट्रेलिया -
इसमें लग्न उपेश है - केतु, जिसके तारे में कोई अन्य ग्रह मौजूद नहीं है, यानी नियमानुसार अब केतु अपने नक्षत्रेश का फल न देकर उस घर का फल देग जिसमे वह स्वयं स्थित होगा. केतु स्थित है एकादश भाव में ! जो कि स्पष्ट रोप से सफलता का सोचक है, साथ ही यह बहुत प्रबल कारक है क्यूंकि केतु के तारे में कोई भी ग्रह मौजूद नहीं है.
इंग्लैंड -
सप्तम भाव को लग्न मानते हुए जब इंग्लैंड टीम कि कुंडली देखी, तो इसमें लग्न उपेश वक्री गत है, अतः यह स्पष्ट है कि ये जीत नहीं दिला सकती. अतः इतना देखकर ही आगे अध्ययन न भी करें तो फलादेश स्पष्ट है कि मैच का फैसला क्या होना है. अतः मैंने कहा कि - अस्ट्रेलिया कि निर्धारक जीत होगी.
अगले दिन सचमुच में 3 विकेट से अंतिम ओवर में टीम अस्ट्रेलिया कि जीत हो गयी. हम सब इस विद्या कि प्रमाणिकता देखकर आश्चर्यचकित रह गए. वास्तव में ही यह पद्धति एक अपूर्व खोज है.
अस्ट्रेलिया -
Australia |
इसमें लग्न उपेश है - केतु, जिसके तारे में कोई अन्य ग्रह मौजूद नहीं है, यानी नियमानुसार अब केतु अपने नक्षत्रेश का फल न देकर उस घर का फल देग जिसमे वह स्वयं स्थित होगा. केतु स्थित है एकादश भाव में ! जो कि स्पष्ट रोप से सफलता का सोचक है, साथ ही यह बहुत प्रबल कारक है क्यूंकि केतु के तारे में कोई भी ग्रह मौजूद नहीं है.
इंग्लैंड -
England |
सप्तम भाव को लग्न मानते हुए जब इंग्लैंड टीम कि कुंडली देखी, तो इसमें लग्न उपेश वक्री गत है, अतः यह स्पष्ट है कि ये जीत नहीं दिला सकती. अतः इतना देखकर ही आगे अध्ययन न भी करें तो फलादेश स्पष्ट है कि मैच का फैसला क्या होना है. अतः मैंने कहा कि - अस्ट्रेलिया कि निर्धारक जीत होगी.
अगले दिन सचमुच में 3 विकेट से अंतिम ओवर में टीम अस्ट्रेलिया कि जीत हो गयी. हम सब इस विद्या कि प्रमाणिकता देखकर आश्चर्यचकित रह गए. वास्तव में ही यह पद्धति एक अपूर्व खोज है.