क्यूँ आज के समय में कई
ज्योतिषियों कि भविष्यवानियाँ गलत हो जाती हैं, अगर इस बारे में
विचार करें तो इसका कारण है कि कई लोग ग्रह के नक्षत्रेश को नहीं देखते, या उन्होंने कभी इस तरीके से सोचा नहीं | तो भले ही
वे ज्योतिष पूरी ईमानदारी से सभी सूत्रों का अध्ययन करे फिर भी फलादेश संदिग्ध ही
रहेगा जब तक नक्षत्रेश और उप का अवलोकन न कर लिया जाए | वह
इसीलिए क्यूंकि यह सूक्ष्म बातें होती हैं | आईये अब इस लेख
में समझते हैं कि यह अध्ययन क्यूँ महत्वपूर्ण है और क्या प्रभाव देता है ?
मान
लीजिये एक कमरे के मध्य में एक प्रकाश का श्रोत है , एक बल्ब
लगाया हुआ है | कमरे कि दीवारें पारदर्शी शीशे की हैं ! कमरे
के बाहर कि तरफ चारों दिशाओं में 3 अलग-अलग रंग के कांच लगा
दिए गए हैं, जो कि कुल मिलाकर 12 हो गए
| ये बारह अलग रंग के कांच 12 राशियों
के प्रतीक हैं और प्रकाश का श्रोत एक ग्रह के समान है !
इसके बाद
अब 27 नक्षत्रों के प्रतीकात्मक उनके बाहर फिर और 27
रंग के परदे या कांच लगाये गए | इसे समझने के
लिए कृप्या चित्र देखें -
अब जब
कोई व्यक्ति बाहर खड़े होकर अन्दर टंगे बल्ब को देखता है तो उसे वह बल्ब कई रंग का
दिख सकता है |
हो सकता
है कि पीले रंग कि राशि हो और लाल रंग का नक्षत्र तो उसे वह बल्ब नारंगी दिखेगा !
या फिर
हो सकता है कि पीले रंग कि राशि में काले रंग का नक्षत्र हो जिससे बल्ब गहरे रंग
का दिखे !
और ये
राशि और नक्षत्र लगातार गतिशील रहते हैं, अतः इनका प्रभाव
भी बदलता रहेगा | इस छोटे मगर महत्वपूर्ण प्रयोग से हमें यह
समझ में आया कि केवल राशि का स्वामी ही नहीं बल्कि नक्षत्र स्वामी भी निश्चित रूप
से अपना पूरा प्रभाव डालता है, इसलिए जब गन्ना करें तो
नक्षत्रेश और उपेश भी अवश्य देखना होगा अगर सटीक फलादेश करना है तो, नहीं तो लाखों लोग तो फलादेश कर ही रहे हैं | उनसे
लोगों को कितना लाभ मिलता है कितना इसके प्रति उनका विशवास बढ़ा है अथवा घटा है हम
सभी जानते हैं | इतना समझ लेने के बाद अब अगली पोस्ट में
कैसे नक्षत्र हमारी जीवन के विभिन्न घटनाओं को प्रभावित करते हैं या कैसे हम पता
कर सकते हैं हमारे जीवन में कौन सी घत्ब्ना कब घटेगी, वह
देखेंगे !
एक बात
और इससे यह भी पता चलता है कि ग्रह उच्च, नीच, शत्रु क्षेत्री अथवा मित्र क्षेत्री होने से ग्रह का कैसा प्रभाव
निर्धारित होता है | क्यूंकि अगर 15 Wt का बल्ब जल रहा है तो वह 100 Wt वाले बल्ब से कम ही
तो रौशनी देगी न.. फिर इसका उपाय क्या है ?... इसी के लिए
लोगों को रत्न धारण का उपाय बताया जाता है जिससे कि उस ग्रह यानि ऊर्जा श्रोत को
ही जागृत किया जा सके ! मुझे यह कहते हुए भी संकोच नहीं है कि कुछ ऐसे लोग आ गए हैं
इस क्षेत्रस में, जो बस एक या दो चीज देखकर सीधे रत्न बता
देते हैं और कई तो सस्ते रत्न ही महंगे करके दे देते हैं ! मेरा मानना ये है की इस
उपाय के लिए आप जो भी रत्न लें थोडा महंगा हो तो हो मगर एक दो वह प्रभाव देने वाला
हो, और दूसरी ठीक तरह से अध्ययन करके बताया गया हो | ज्योतिष अपने स्वार्थ के लिए भी कोई न कोई ग्रह-रत्न बताते फिरते हैं
कृप्या नेत्र मूंद कर किसी पे विशवास न करते हुए स्वयं समझकर उपाय को करें,
इससे व्यर्थ खर्च से बच सकेंगे !
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