आप अपनी जन्म-कुण्डली देखकर ये निर्धारित कैसे करें कि कौन सा ग्रह कमज़ोर है और कौन सा ग्रह बलि ??
1. अपनी जन्म-कुण्डली में ग्रहों के अंशों को खोजिये, किस पन्ने पे दिया हुआ है, (अंश-Degree of planet's movement), मेरी बनायी Kundli-Remedies में ये दूसरे-तीसरे पन्ने पर होता है, जिसका शीर्षक है, " जन्म के समय ग्रहों की स्थिती".
2. इसमें सभी ग्रहों के अंश, यानि अंक ध्यान से देखिये ..
3. अगर कोई ग्रह 0-5 तक अंश में है, तो वह अभी उदित हो रहा है, यानि कमज़ोर है | ठीक इसी प्रकार से किसी ग्रह के अंश ये 25 से 30 तक के बीच हैं, तो वह अस्त हो रहा है, यानि यह भी कमज़ोर है, बाकी 5 से लेकर 25 तक के अंशों में आए सभी ग्रह बलवान माने जाते हैं ! जो ग्रह कमज़ोर है, उससे सम्बंधित रत्न धारण करने पर उस ग्रह का अच्छा फल मिलने लगेगा !
4. उसी जगह दाहिने में ग्रहों की "स्थिती" भी लिखी हुई होगी, ज़रा वह भी देखें !
5. अस्त या नीच या वक्री, या फिर तीनों - कमज़ोर ! इससे समबन्धित रत्न धारण करने से इसकी कमी की पूर्ति होगी !
6. उच्च या उच्च और वक्री- बलि ! इससे सम्बंधित रत्न धारण करना अत्यंत ही शुभ फल देगा !
7. कौन सा ग्रह किस राशि में है और इसका स्वामी कौन है, यह भी देखें !
रत्न-धारण करते समय यह ध्यान रहे कि कभी भी शत्रु ग्रहों के रत्न एक साथ धारण न कर बैठें, नहीं तो दोनों रत्नों में से एक का भी फल नहीं मिल पाएगा, दोनों एक दुसरे के प्रभावों को समाप्त कर देंगे ! अक्सर लोग ऐसी भूल कर बैठते हैं, वैसे लोग दो या तीन रत्न एक साथ धारण कर सकते हैं.. इससे अधिक की आवश्यकता नहीं जान पड़ती !
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