शनि-चन्द्र युति, विष योग तब होता है जब
कुण्डली के किसी भी घर में शनि और चन्द्र एक साथ बैठे हों..
इससे
केतु नीच 44 साल तक मिलता रहता है !
अगर
चन्द्र और शनि के बीच दूरी काफी कम है, तो दोनों एक साथ कभी अच्छा फल नहीं दे सकते ! जब चन्द्र उत्तम होगा, तो शनि निर्बल होता होगा, और जब शनि मज़बूत होगा.. तो
चन्द्र कमज़ोर...
चन्द्र
कमज़ोर होने पर माता की सेहत मंदी होती है, पानी की कमी झेलनी पड़ती है, बिना वजेह चिंता लगी रहती है ! वहीँ शनि पीड़ा-कष्टकारक सिद्ध हो सकता
है !
लाल
किताब में है की चंदर-शनिचर का प्रभाव वैसा ही होगा, जैसे कि दूध में ज़हर ...!
यानि चन्द्र की शीतलता, ठंडक..... दूध तो होगा, पर शनि उसमे ज़हर मिलाता हुआ सिद्ध होगा !
यानि चन्द्र की शीतलता, ठंडक..... दूध तो होगा, पर शनि उसमे ज़हर मिलाता हुआ सिद्ध होगा !
चन्द्र
कमज़ोर होगा तो इसका सबूत यह होगा की उसे आँख की बिमारी होगी !
चन्द्र
धन.. शनिचर खजांची होगा !
मोटरसाईकल , ट्रक इत्यादि से एक्सीडेंट का खतरा रहेगा !
खासकर जब राहू-केतु गोचरवश पहले भाव में आते हों, तो धन हानि होगी(चोरी इत्यादि से)... और ऐसा धन ससुराल वालों के और यार दोस्तों को ही मिलेगा, उन्हें इससे फायदा होगा ! खुद अपनी कमाई उसके काम न आती होगी, वहीँ अगर वो अपने कमाए हुए पैसे का देखरेख का जिम्मा किसी अपने विश्वासपात्र को या पत्नी/माँ के हवाले कर दे उसे लाभ होता रहेगा !
मोटरसाईकल , ट्रक इत्यादि से एक्सीडेंट का खतरा रहेगा !
खासकर जब राहू-केतु गोचरवश पहले भाव में आते हों, तो धन हानि होगी(चोरी इत्यादि से)... और ऐसा धन ससुराल वालों के और यार दोस्तों को ही मिलेगा, उन्हें इससे फायदा होगा ! खुद अपनी कमाई उसके काम न आती होगी, वहीँ अगर वो अपने कमाए हुए पैसे का देखरेख का जिम्मा किसी अपने विश्वासपात्र को या पत्नी/माँ के हवाले कर दे उसे लाभ होता रहेगा !
उपाय-
चन्द्र ग्रहण के समय शनि की चीजें बहते हुए पानी में बहाएं !
यानि ४ नारियल लेकर किसी ऐसे
स्थान में चले जायें, चन्द्र ग्रहन वाले दिन, जहाँ बहता हुआ पानी हो, और वहां उसे बहा दें ! इससे
शनि चन्द्र से अलग हो जायेगा और दोनों का अपना-अपना शुभ फल प्राप्त होने लग जायेगा, चन्द्र माता से सम्बंधित सुख, धन दौलत इत्यादि दिलाएगा, शान्ति प्रदान करेगा... शनि
कर्म निष्ठ बनाएगा !अतः ये आसान सा उपाय अवश्य करें जिस किसी के भी कुण्डली में यह योग हो !
निखिल प्रणाम :)
My second house has chandra-shani with kark lagna..
ReplyDelete