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Tuesday, April 15, 2014

MANGLIK DOSH in Kundli, Remedies of it...



मंगल बद - मंगलिक दो भाई, खून इकट्ठा होते हैं |
बद लड़का है शनि का होता, मंगलीक को भाई लेते हैं !
मंगलीक मारे गर मर्द व औरत, बाद उड़ाता है जान-ओ-ज़र |
भाई शनि घर एक ही मारे, लड़का शनि का दोनों ही घर !

जन्म-कुण्डली में अगर १, २, ४, ७, ८ या १२ वें भाव में मंगल बैठा है, तो उस व्यक्ति को मांगलिक दोष लगता है ! इसके बाद जब उसकी चन्द्र-कुंडली देखें तो अगर उसे भी मांगलिक हुआ तो पक्का मांगलिक हुआ !

ऐसे व्यक्ति/स्त्री की शादी केवल मांगलिक वधु/वर से करना ही समझदारी होती है, नहीं तो या तो शादी हो ही नहीं पायेगी... या तो शादी के बाद हादसे होंगे, या फिर तलाक की नौबत आयेगी ऐसा निश्चित होता है ! परन्तु डर वाली कोई बात नहीं.. क्यूंकि मनोनुकूल शादी होने से वैवाहिक सूख भी पूर्ण मिलता है, इसमें कोई दो राय नहीं | दो लोग यदि मांगलिक हैं, तो उनकी आपस में खूब बनती है, वे अक्सर एक दुसरे में घुल-मिल जाते हैं | यदि ऐसा हो जाये की मांगलिक दोष की वजेह से दिक्कतें आ रही हों, तो भी घबराने की कोई बात नहीं इसका उपाय तो होता ही है....! 
लाल किताब में इसके बारे में पूर्ण प्रमाणिक उपाय बताया है प. रूपचंद जोशी जी ने-

मंगल बद-मांगलिक का उपाओ- "जब ये ज़ाहिर हो जावे, कि बद या बद तुख्म का असर आ रहा है, तो फ़ौरन चंदर का उपाओ करना चाहिए, यानि बड़ के दरख़्त को दूध डालकर गीली होई हुई मिट्टी का तिलक लगाना मनागल बद(पेट की खराबियाँ) को दूर करेगा ! अगर वो आग को जलाकर तबाह ही कर जावे, तो उसके बुरे असर के ज़ख्मों को दूर करने के लिए कि बोरियों का बोझ छत पे कायम करें, मगर अब छत पर तनूर न रहे !
अगर लावल्दी या औरत की हत्या करता जावे तो शहद से मिट्टी का बर्तन भर कर बाहर मैदान में दबाया जावे ! अगर मौत तो ना दे, पर बसने भी न देवें तो मृगशाला से उसकी ज़हर हटा दें ! अगर फिर भी बाज़ ना आवे तो चाँदी की मदद लेवें, या जनूबी दरवाज़ा में ही लोहे से उसे कील देवें ! खानदानी उपाओ में चीड़े-चिड़ियों को मीठा देवें, वर्ना बद का नुत्फ़ा बद तुख्म फिर काबू न होगा !"


यानी की मंगल अगर ऋणात्मक प्रवृत्ति का होकर बुरा प्रभाव दे रहा हो, तो तुरंत चन्द्रमा की मदद लें ! बड़ के पेड़ में लगातार ४०-४३ दिन तक थोडा दूध डालकर गीली हुई मिट्टी को अपनी नाभि, सर इत्यादि पर तिलक कर लिया करें, इससे पेट से सम्बन्धित साडी परेशानियाँ यूं भी दूर हो जाएँगी ! (एक महिला को पेट में अल्सर हो गया था, वह मगल के उपाय करवाने से ही ठीक हो गया, चमत्कारिक ढंग से !) दूसरा उपाय है चीनी की खाली हुई बोरी को छत पर डाल दें ! यदि बच्चा नहीं हो रहा हो या वर अथवा वधु की मृत्यु हो जाति हो तो ऐसे समय में शहद मिटटी के बर्तन में भरके घर के बाहर दबाते रहे, मंगल शांत हो जायेगा ! यदि शादी नहीं हो प् रही हो, इस वजेह से, तो मृग छाल कहीं पर भी धारण करें ! यदि खानदानी दिकात हो यह तो फिर चिड़ियों को मीठा भोजन करने से ठीक होगा !

ज्योतिष विषय थोडा लम्बा-चौड़ा हो सकता है, मगर ऐसी कोई बात नहीं की आप अपने बारे में जरुरी बातें भी ना जान सकें ! इसीलिए यह सब लिखने का मूल उद्देश्य मेरा यही है कि जन-साधारण भी अब इतना सक्षम तो हो जाये की खुद अपनी जन्म-कुण्डली देख एक स्थूल अनुमान लगा सके !
जिस प्रकार से लिख-पढ़ न पाने वाले व्यक्ति को गँवार, अनपढ़ कहते हैं,
आप भी यह निश्चित मानें की आप अपनी खुद की ही कुंडली न देखना जानते हैं तो आप भी.... हुए ! इसीलिए कोई आपको यह न कह जाये, आप थोडा प्रयत्न तो जरूर करें ! कोई नौसिखिया ज्योतिष आपको कुछ भी ग्रह-दोष इत्यादि का पाठ पढ़ा दे और आप लम्बी-चौड़ी दक्षिणा का इन्तेजाम करवाते रह जायें, ऐसा मैं अपने पाठकों से चाहता भी नहीं हूँ !


एक बात ख़ुशी की और है,, वह ये की यदि कहीं आप भूल से लाल किताब का कोई गलत बिना पूछे कर भी देते हैं, और वह दोष आपमें है नहीं, तो भी कुछ अहित होने का नहीं है ! मान लीजिये की अगर आप लगातार ४० दिन तक चिड़ियों को मीठा भोजन यह सोच कर कराते हैं की मेरा मंगल दोष ठीक होगा, और वास्ताव में आपको मंगल दोष है ही नहीं... तो भी इससे कुछ बुरा नहीं होगा, बल्कि उन भूले-भाले प्यारे-प्यारे जीवों को सुख ही पहुंचेगा ! आपको पुण्य की ही प्राप्ति होगी ! परलोक में आपका स्थान ऊंचा ही होगा ! अस्तु !




मांगलिक दोष के सुधार के लिए लाल मूंगा धारण करना भी एक सरल, सिद्ध उपाए है !

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